न्यूजवेव@कोटा
मन मे ऊंचाइयों को छूने का जज्बा हो तो मुश्किलें भी राह आसान कर देती है… बचपन से खेल मैदान पर नंगे पैर दौड़ने वाले स्कूली छात्र मोहित कुमार ने निरंतर पसीना बहाते हुए अब राष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल खेलने का गौरव हासिल कर लिया है।
हरियाणा से छात्र नीरज ने भी कोटा आकर मोहित के साथ पढ़ना शुरू कर दिया। लेकिन मोहित के पिता का निधन हो जाने से वह आर्थिक रूप से कमजोर हो गया। दोनो ने मिलकर तय किया कि खेलकर जिंदगी में कुछ नया हासिल करेंगे। इसी जज्बे को लेकर वे स्कूल में बास्केटबॉल खेलते हुए राज्य स्तर पर चयनित हुए।
कोच शाहबाज खान ने दोनो की क्षमता को परखा और हौसला बढ़ाते हुए निरन्तर मेहनत करने के गुर सिखाए। जिससे दोनो 2 साल से स्टेट लेवल पर बास्केटबॉल मैच खेल रहे हैं।
2017-18 में मोहित राज्य के टॉप-20 बास्केटबॉल खिलाड़ियों में शामिल हुआ। उसके बाद देवगढ़ में नेशनल बास्केटबॉल केम्प में चयनित होने का गौरव हासिल कर लिया। पेरों में जूते नही, दूध या हेल्थी डाइट के लिये पैसे नही थे लेकिन खेलने का जुनून कभी कम नही होने दिया।
दोनो विद्धयार्थियों के टेलेंट का पता चलने पर वायब्रेंट एकेडमी के निदेशक व राजभंवर वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव महेंद्रसिंह चौहान ने उनको 90 हजार रुपये स्कॉलरशिप देकर आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया।
सेंट्रल एकेडमी, बारां रोड के प्रिंसिपल गौरव सिंह झाला ने कहा कि वे ऐसे होनहार विद्धयार्थियों को स्कूल फीस सहित खेल सुविधाओं में भी मदद कर रहे हैं। 90 हजार रु. स्कालरशिप मिलने से दोनो की वार्षिक हॉस्टल फीस, भोजन व हैल्थकेयर में आर्थिक कमी दूर हो गई है।
*कोटा से 68 खिलाड़ी स्टेट लेवल पर*
बास्केटबॉल कोच शाहबाज खान के अनुसार, कोटा में खेल प्रतिभाओं की कमी नही है। पिछले 8 वर्ष में वे 68 खिलाड़ियों को स्टेट लेवल और 18 प्लेयर को नेशनल लेवल पर खेलने की ट्रेनिंग दे चुके हैं। गत वर्ष कोटा के छात्र दिग्विजय सिंह शेखावत एनबीए एकेडमी में चयनित हुए। वह इन दिनों आस्ट्रेलिया में बास्केटबॉल खेल रहा है।
उन्होंने बताया कि कोटा के 5 स्कूलों में 500 से अधिक बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं, जिनको सही ट्रेनिंग मिलती रही तो वे स्पोर्ट कोटा से अच्छे जॉब भी हासिल कर सकते हैं। जो पढ़ाई में कमजोर हैं, स्पोर्ट्स उनके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।