रामदुलारी जिंदल मैमोरियल एवं हैल्थ केअर सोसायटी व भारतीय शिशु अकादमी हाडौती शाखा द्वारा कोटा में निःशुल्क अवेयरनेस कार्यशाला
न्यूजवेव@ कोटा
हाडौती में विमंदित, स्लो लर्नर एवं सेलीब्रल पॉल्सी से ग्रसित बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिये रविवार को पहली बार ‘एक पहल’ कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 250 से अधिक बच्चे अभिभावकों के साथ पहुंचे। उन्हें एक ही छत के नीचे कई विशेषज्ञ चिकित्सकों ने निःशुल्क परामर्श, जांच व दवाइयां देकर मदद की।
रामदुलारी जिंदल मैमोरियल एवं हैल्थ केअर सोसायटी एवं भारतीय शिशु अकादमी हाडौती शाखा द्वारा श्रीजी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, तलवंडी कोटा में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस डॉ.अमृता दुहन ने कहा कि छोटी-छोटी खुशियां हर बच्चे में छिपी होती हैं। लेकिन अभिभावक इतने व्यस्त रहते हैं कि वे अपने बच्चों को समय देकर उनका मेंटल मेकअप नहीं कर रहे हैं। कमियां तो हर इंसान में होती है लेकिन ईश्वर हमारे अंदर अच्छाई भी देता है। बच्चों को मोटिवेट करें। उन्होंने कहा कि ऐसी अनूठी कार्यशाला आगे भी जारी रहनी चाहिये।
‘..अपने होने का अहसास कराओ’
विशिष्ट अतिथि शहर काजी अनवार अहमद ने कहा कि बच्चों के साथ माता-पिता का व्यवहार मोहब्बत भरा हो। इंसान की जिंदगी तभी कीमती है जब वह मानवीय दर्द या मर्ज होने पर दूसरों की मदद के लिये आगे आये। कोटा में पहली बार एक पहल जैसे प्रयासों को कामयाबी अवश्य मिलेगी।
श्रीराम रेयांस के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट वीके जेटली ने कहा कि दूसरो के साथ अपने होने का अहसास कराओ। यदि कर्म की दिशा सही है तो ईश्वर आपके साथ है। प्रत्येक बच्चे को उसकी क्षमता का अहसास कराइये। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश जिंदल ने कहा कि ‘एक पहल’ में अभिभावकों का उत्साह देखते हुये इसे आगे भी जारी रखा जायेगा।
कार्यशाला में ‘सेंटर ऑफ होप’ नईदिल्ली के निदेशक डॉ. गौरव चड्डा ने असामान्य विशिष्ट बच्चों की सही देखभाल करने के लिये उपयोगी टिप्स बताये। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.नीता जिंदल ने बताया कि निःशुल्क कार्यशाला का उद्देश्य हर उम्र के असामान्य बच्चों का मानसिक संबल बढाना है। हर बच्चे की अपनी एक अलग पहचान होती है। ‘एक पहल’ के माध्यम से कई विमंदित बच्चे बेहतर जिंदगी जीना सीखेंगे। उन्होंने रोटरी क्लब पद्मिनी की अध्यक्ष सरोज लाहोटी व अंजना सेठी तथा इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष नीरजा कोहली व सदस्यों द्वारा मरीजों को सहयोग करने पर आभार जताया।
‘कमजोरी को आंतरिक ताकत से हराओ’
‘एक पहल’ के ब्रांड एम्बेसेडर व्हील चेयर पर बैठे कोचिंग विद्यार्थी प्रणव नायर (17) ने बताया कि वह तीन माह पहले रेजोनेंस से जेईई-एडवांस्ड की तैयारी करने मुंबई से मां वंदना के साथ कोटा आया है। उसे जन्म से सेरिबल पॉल्सी है, जिससे वह चल-फिर नहीं सकता। उसने कहा कि ईश्वर ने हमें कोई कमजोरी दी है तो ताकत भी दी है। मैने स्कूल से नेशनल लेवल पर डिबेट में भाग लिया। खुद से इंस्पायर होता हूं। रोज 13-14 घंटे पढ़ता हूं। कक्षा-10वीें में 91 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। मां कम्प्यूटर इंजीनियर का जॉब छोडकर मेरे साथ कोटा रहेगी। उसने कहा कि हर बच्चे के भीतर एक ताकत है, उसे पहचान लो तो कमजोरी को खुद ही हरा सकते हो।
व्हील चेयर व गोद में पहुंचे बच्चे
कार्यशाला में डेढ़ वर्ष से 19 वर्ष की उम्र के स्लो लर्नर, हाइपर एक्टिव बच्चे, चलने, बोलने, देखने व सुनने में असक्षम, शरीर के किसी अंग में कमजोरी, व्हील चेयर या बिस्तर पर निर्भर, अपने हाथ से भोजन लेने में असक्षम, दूसरों से बातचीत में असक्षम या अन्य परेशानी से पीडित बच्चों को ईएनटी, नेत्र, मनोविज्ञान, डायटीशियन, साइकोलॉजिस्ट आदि विशेषज्ञ चिकित्सकों ने रोगियों की निशुल्क जांच कर परामर्श व प्रशिक्षण दिया। कुछ बच्चे व्हील चेयर पर तो कुछ माता-पिता की गोद में आये।
इन विशेषज्ञों ने दी निःशुल्क सेवाएं
श्रीजी हॉस्पीटल के सीईओ दीपक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कार्यशाला में 250 से अधिक विमंदित बच्चों को शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीता जिंदल, नेत्र विशेषज्ञ डॉ. विनीता गर्ग, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. वरूण मालू, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. पवन, आहार विशेषज्ञ डॉ. अभिलाषा मंगल, डॉ. प्रीति शर्मा व डॉ. चंद्रिका सोनी, फिजियो साइक्लोजिस्ट डॉ. पूर्ति शर्मा एवं स्पीच थेरेपिस्ट एसएस सैनी व ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट ने निःशुल्क सेवायें दी। शिविका स्कूल जेके नगर से 46 बच्चे अभिभावकों के साथ पहुंचे। निदेशक अंजू अग्रवाल व प्रिंसिपल संगीता माहेश्वरी ने बताया कि शिविका में एलकेजी से कक्षा-6 तक शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को वोकेशनल प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।