पंजाबी समाज रावतभाटा एवं सुवि नेत्र चिकित्सालय कोटा के सहयोग से माइक्रोफेको टेक्नोलॉजी से हुआ नेत्र आपरेशन
न्यूजवेव @ कोटा
मध्यप्रदेश के नीमच जिले के रामपुरा निवासी मयंक खुराना की दो वर्षीया बेटी सोनिया को जन्म से ही मोतियाबिंद था। जिससे उसे दोनों आंखों से बहुत कम दिखता था। वह धूप में बाहर निकलने या घर पर बिजली चालू होते ही अपनी दोनों आंखें बंद कर लेती थी। अपनी नन्ही बेटी की इस समस्या से माता पिता बहुत चिंतित थे।
परमाणु बिजलीघर, रावतभाटा में अस्थाई कर्मचारी मयंक खुराना ने बताया कि इकलौती बेटी को रोशनी दिलाने के लिये उन्होने नीमच, मंदसौर एवं कोटा के नेत्र विशेषज्ञों से परामर्श लिया किन्तु आर्थिक स्थिति कमजोर होने से वे महंगा ऑपरेशन नहीं करवा सके। अपने परिचितों की सलाह पर उन्होंने बेटी सोनिया को सुवि नेत्र चिकित्सालय एवं लेसिक लेजर सेन्टर, तलवंडी में वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. विदुषी एवं डॉ.सुरेश पाण्डेय को दिखाा। बेटी की दोनो आंखों की गहनता से जाँच में उसे टोटल लेन्टीकुलर ऑपेसिटी नेत्र रोग पाया गया। डॉ. सुरेश पाण्डेय ने उसकी दोनों आंखों का फेको, पॉस्टीरियर कैपसुलोटोमी एवं एन्टीरियर विट्रेक्टोमी नामक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से सफल नेत्र आपरेशन किया और उसकी आंखों में मोनोफोकल इन्ट्राकुलर लैन्स का केप्सुलर बेग में सफल प्रत्यारोपण किया।
आपरेशन के बाद पॉस्टिीरियर कैप्सुल नामक झिल्ली दोबारा मोटी ना हो इसके लिए पॉस्टीरियर कैपसुलोटोमी एवं एन्टीरियर विटेªक्टोमी नामक विशेष तकनीक का प्रयोग किया। दोनों आंखों में सूजन एवं संक्रमण कम करने लिए इन्ट्राकेमरल मॉक्सीफ्लोक्सिन एवं इन्ट्राकेमरल ट्राइएमसिनोलोन नामक विशेष इंजेक्शन दिया गया। नेत्र आपरेशन में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. विजय गोयल ने सहयोग किया।
सोनिया के परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए दोनों आंखों का आपरेशन रियायती दर पर हुआ। उसकी दांयी आंख हेतु आयतित लैंस व एनस्थिसिया विशेषज्ञ के लिए पंजाबी समाज रावतभाटा के बालकिशन गुलाटी व अन्य सदस्यों ने आर्थिक मदद की। सोनिया की बांयी आंख का ऑपरेशन एवं लेंस प्रत्यारोपण सुवि नेत्र चिकित्सालय कोटा द्वारा निशुल्क किया गया। आपरेशन के पश्चात दवाओं एवं भर्ती रहने का कोई शुल्क नही लिया गया। उसके माता-पिता ने सफल आपरेशन कर बेटी को रोशनी देने के लिए सुवि नेत्र संस्थान के डॉ.सुरेश पाण्डेय एवं उनकी टीम का आभार जताया।