सुवि नेत्र चिकित्सालय कोटा में फेको-जेप्टो नेनोपल्स टेक्नोलॉजी से हुआ ऑपरेशन
न्यूजवेव @ कोटा
महज एक साल की उम्र में मासूम नैतिक अपनी ओझल नजरों के कारण खिलौनों से खेलना भी भूल गया था। जन्म से ही दोनों आंखों में परेशानी होने से वह माता-पिता से नजरें नहीं मिला पा रहा था। घर में लाइट चालू करने पर वह आंखें बंद कर लेता था। धूप में सूरज की ओर देख पाना उसके लिये संभव नहीं था। बचपन से खिलौने नहीं पकड पाने से सवाईमाधोपुर निवासी माता-पिता ने रिश्तेदारों की सलाह पर उसे सुवि नेत्र चिकित्सालय व लेसिक लेजर सेंटर, कोटा में दिखाया।
संस्थान के निदेशक एवं वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय एवं डॉ. विदुषी शर्मा ने बेहोशी में नैतिक की दोनों आँखों की गहनता से जाँच की। जांच में उसकी आंख में टोटल लेन्टीकुलर ऑपेसिटी का पता चला। डॉ.पाण्डेय ने अत्याधुनिक फेको जेप्टो नेनोपल्स नामक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से मासूम बालक का जेप्टोरेक्सिस एवं फेको एस्पीरेशन ऑपरेशन किया। उसकी बांयी आंख में 28 डायोप्टर नम्बर का अमेरिकन मोनोफोकल इन्ट्राऑकुलर लैन्स का केप्सुलर बेग में सफल प्रत्यारोपण किया। पॉस्टिीरियर कैप्सुल नामक झिल्ली दोबारा मोटी ना हो इसके लिए पॉस्टीरियर कैपसुलोटोमी एवं एन्टीरियर विटेक्टोमी नामक विशेष तकनीक का प्रयोग किया गया। आंखों में सूजन एवं संक्रमण कम करने लिए इन्ट्राकेमरल मॉक्सी फ्लोक्सिन एवं इन्ट्राकेमरल ट्राइ एम सिनोलोन नामक विशेष इंजेक्शन का प्रयोग किया।
कुछ दिन बाद बालक की ई.यू.ए. जांच में बायीं आंख में इन्ट्राऑकुलर लैन्स की स्थिति सही पायी गयी। चश्मा लगाने के बाद ऑकुलयूजन करने से उसकी बायीं आंख की रोशनी में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है एवं अब वह खिलौने पकड़ने लगा है। माता-पिता ने नये साल में बेटे को नया उजाला दिखाने पर डॉक्टर्स का आभार जताया।