न्यूजवेव@कोटा
बरसात के बाद मौसम में आये बदलाव होने के कारण शहर में डेंगू एवं वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है। शहर की आवासीय कॉलोनियों में गड्डों में पानी का ठहराव, नालियों के जाम होने, घरों व हॉस्टलों में कूलरों की सफाई नहीं होने से डेंगू मच्छरों का लार्वा थम नहीं रहा है। सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों के ओपीडी में रोजाना 50 से अधिक डेंगू मरीज सामने आ रहे हैं लेकिन इसमें से 50 प्रतिशत रोगी समय पर उपचार लेकर स्वस्थ हो रहे हैं।
वहीं, वाडों में भर्ती डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स में तेजी से गिरावट आने के कारण एसडीपी रक्त की मांग बढ़ गई है। डेंगू रोगियों की इस जरूरत को पूरा करने के लिये टीम रक्तदाता के सदस्य 24 घंटे अपनी निःशुल्क सेवायें दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर सूचना मिलते ही टीम सदस्य अस्पताल में भर्ती रोगी के ब्लड ग्रुप की जानकारी लेते हैं। फिर उस ग्रुप के रक्तदाता तुरंत ब्लड बैंक पहुंचकर एसडीपी डोनेट कर रहे हैं।
टीम रक्तदाता के प्रवक्ता हरजिंदर सिंह ने बताया शहर में रक्तदान की जागरूता आ जाने से डेंगू मरीजों के साथ कुछ परिजन भी रक्त डोनेट करने लगे हैं। अधिक मांग होने पर टीम के सदस्य प्रत्येक गु्रप में एसडीपी उपलब्ध करवा रहे है। इन दिनों सरकारी एवं प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती मरीजांे के लिए रक्तवीर हिमांशु नाहर ने एबी पॉजिटिव, अकबर अली ने बी ग्रुप, राघव दीक्षित, विजय स्वामी एवं नवीन चौहान ने ओ पॉजिटिव, चिराग जैन, बृजेश सोनी, मुकुट बिहारी एवं जय रामनानी ने बी ग्रुप के मरीजांे को प्लेटलेट्स डोनट कर तत्काल मदद पहुंचाई। उन्होंने बताया कि शहर में एसडीपी डोनेट करने वाले रक्तवीर 15 दिन बाद दूसरी बार प्लेटलेटस देने पहुंच रहे हैं। शहर के कई युवा रक्तदान से जुडकर अपने जन्मदिन या सालगिरह पर स्वैच्छिक रक्तदान कर रहे हैं, जिससे शहर के सरकारी ब्लड बैंक में सभी ग्रृप के रोगियों को एसडीपी रक्त उपलब्ध हो रहा है।