Thursday, 12 December, 2024

एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ स्वैच्छिक बंद रहा कोटा

सर्वसमाज समिति ने किया आव्हान- सामाजिक आयोजनों में किसी सांसद-विधायक को अतिथि नहीं बनाएं
न्यूजवेव कोटा
संसद द्वारा पारित एससी, एसटी एस्ट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ सर्वसमाज संघर्ष समिति द्वारा राजस्थान बंद के आव्हान पर गुरूवार को कोटा बंद पूरी तरह सफल रहा। सुबह 10 से शाम 4 बजे तक शहर के मुख्य बाजारों में सभी प्रतिष्ठान, 1150 सीबीएसई व राजस्थान बोर्ड स्कूल, कोचिंग संस्थान आदि स्वैच्छिक बंद करके आम जनता ने विरोध दर्ज कराया। दोपहर 1 बजे तक पेट्रोल पंप भी बंद रहे। कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ जिले में भी सभी प्रमुख शहरों व कस्बों में बाजार पूरी तरह बंद रहे।

समता आंदोलन समिति के नेतृत्व में विशाल वाहन रैली कोटा में सीएडी सर्किल से मुख्य मार्गों से होती हुई कलक्टेट पहुंची, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। उनके हाथों में ‘न्यायालय का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्थान’ की तख्तियां रहीं। सर्वसमाज प्रतिनिधिमंडल ने काले कानून को वापस लेने की मांग  करते हुए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
समिति के महामंत्री रासबिहारी शर्मा ने कहा कि हम किसी जाति के खिलाफ आंदोलन नहीं कर रहे हैं, देश में सभी गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए, चाहे वो दलित हो या सवर्ण। अभी सांसद, विधायक या आईएएस अधिकारियों के बच्चों को रिजर्वेशन दिया जा रहा है, जो सामाजिक न्याय के विरूद्ध है।
समिति के डॉ.अनिल शर्मा ने कहा कि देश में जातिवाद के स्थान पर राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया जाए। रिजर्वेशन के कारण अच्छे अंकों लाने वाले सवर्ण विद्यार्थी अच्छे संस्थानों में एडमिशन से वंचित रह जाते हैं, जिससे हताश होकर वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से जिन सांसद, विधायक या जनप्रतिनिधियों को हमने वोट देकर चुना है, वे इस काले कानून का विरोध नहीं कर रहे हैं। इसलिए उन्हें कोई भी समाज अपने आयोजनो में मंच पर उन्हें अतिथि नहीं बनाएंगे। यह आंदोलन पूरी तरह गैर-राजनीतिक है। इस मौके पर मौजूद हजारों नागरिकों ने संकल्प किया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में किया गया संशोधन वापस नहंी लिया तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे नाटो बटन दबाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

4 हजार अधिकारी-कर्मचारी अवकाश पर रहे
राजस्थान बंद के समर्थन में शहर के विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत 4 हजार से अधिक अधिकारी, अभियंता, लेक्चरर, स्कूल शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी स्तर तक के कर्मचारी अवकाश लेकर रैली में शामिल हुए। कोटा व्यापार महासंघ, भामाशाह मंडी में कोटा ग्रेन व सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन, टैक्स बार एसोसिएशन, कोटा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन आदि संगठनों ने बंद का समर्थन करते हुए विरोध दर्ज कराया।

फुटपाथ से मार्केट तक रहा सन्नाटा
स्वैच्छिक कोटा बंद में गुरूवार को शहर के मुख्य बाजारों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छाया रहा। एससी, एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय में संशोधन कर सवर्णों के खिलाफ बिना सुनवाई किए तुरंत गिरफ्तार करने का कानून बनाए जाने पर जनआक्रोश फूटा। 90 वर्षीय बुजुर्ग हजारीलाल गर्ग ने कहा कि उन्होंने ऐसा एतिहासिक बंद आज तक नहीं देखा, जिसमें कोई बंद करवाने नहीं पहुंचा, काले कानून के विरोध में लोगों ने खुद ही अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। एडवोकेट महेश वर्मा ने कहा कि रिजर्वेशन आर्थिक आधार पर लागू कर दिया जाए तो सारे विवाद खत्म हो जाएंगे। जातियांे को आरक्षण में बांटने से देश टूट रहा है।

(Visited 195 times, 1 visits today)

Check Also

अच्छी सेहत किचन से निकलकर आती है- डॉ. सक्सॆना

राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (RTU) कोटा में स्वास्थ्य जागरूकता पर व्याख्यानमाला न्यूजवेव @ कोटा सेहत किचन …

error: Content is protected !!