मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से चिकित्सा विभाग सेवा नियम,2022 में शामिल करने का आग्रह
न्यूजवेव @ कोटा
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में संविदा आधार पर अनिवार्य चिकित्सा सेवायें दे रहे सैकडों कार्मिकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि वे वर्ष 2013 से राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी (RMRS), एमएनजेवाई(MNJY) एवं एमएनडीवाई (NMDY) योजनाओं में सेवायें दे रहे हैं लेकिन पिछले पिछले 10 वर्षों से चिकित्सा विभाग की भर्ती प्रक्रियाओं सेे वंचित हैं। इसलिये उन्हें भी भर्ती प्रक्रियाओं में वरीयता प्रदान कर नियमित किया जाये।
अस्थाई लैब कार्मिकों ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि हम सरकारी अस्पतालों में लेब टेक्निशियन, लेब सहायक, टेक्नीशियन रेडियोग्राफर आदि के पदों पर लम्बे समय से अल्प मानदेय पर अपनी सेवायें दे रहे हैं। संविदा लैब कार्मिकों ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी चिकित्सा विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे शिफ्ट ड्यूटी करते हुये अपनी विशिष्ट सेवायें दी है। कोटा, बंूदी, बारां व झालावाड के अल्प वेतनभोगी अस्थाई नर्सिंग कार्मिकों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उन्हें राजस्थान चिकित्सा विभाग सेवा नियम,2022 में शामिल करके विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं के माध्यम से नियमित किया जाये। जिससे वे अपने परिवार का पालन पोषण सही ढंग से कर सकें।