Thursday, 12 December, 2024

संसद में 400 करोड की बचत, लोकसभा अध्यक्ष ने बनाए नये कीर्तिमान

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दो वर्ष के कार्यकाल में संसद की उत्पादकता एवं गरिमा बढ़ाई
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दो साल के कार्यकाल में भारतीय संसद को नई उंचाइयां दी। प्रत्येक सत्र में उनके प्रभावी कार्यसंचालन से लोकसभा ने कार्य उत्पादकता में नए कीर्तिमान स्थापित करते हुये वित्तीय अनुशासन से 400 करोड़ रूपए की बचत भी की।
कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद बने ओम बिरला 19 जून 2019 को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुने गये। उन्होंने सदन में परम्परागत हंगामे और विवादों को दूर कर सभी दलों के सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने का अवसर दिया। जिससे महत्वपूर्ण विधेयकों व जनहित के मुद्दों पर स्वस्थ बहस करने की परम्परा विकसित हुई। कई बार सदन देर रात एक बजे तक चला जिसमंे सदस्यों ने सक्रियता से भाग लिया।
17वीं लोकसभा में 122.2 प्रतिशत उत्पादकता

17वीं लोकसभा के अब तक पांच सत्र हुये जो हंगामे रहित रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कुशल संचालन में पांचों सत्रों की उत्पादकता 122.2 प्रतिशत रही। जो 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा के पहले पांच सत्रों की तुलना में सर्वाधिक रही। कोविड-19 की चुनौतियों के बीच 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र की उत्पादकता सर्वाधिक 167 प्रतिशत रही।
100 से अधिक विधेयक पारित
लोकसभा के पांच सत्रों में सरकार ने 102 बिल सदन में रखे। सदन ने विस्तृत चर्चा के बाद 107 विधेयकों को पारित किया। विधेयकों पर 262.5 घंटे चर्चा हुई तथा पक्ष-विपक्ष के 1744 सदस्यों ने अपनी बात रखी।
प्रश्नकाल से सरकार की जवाबदेही बढ़ी


केंद्र सरकार की जवाबदेही बढ़ाने के लिए सभी सत्रों में विशेष प्रयास किए गए। प्रश्नकाल के दौरान प्रतिदिन औसतन 5.37 प्रश्नों के मौखिक जवाब दिए गए जो औसत से अधिक है। नियम 377 के तहत उठाए गए विषयों में सरकार भी सरकार ने 89.82 प्रतिशत विषयों के जवाब दिए जो भी 15वीं और 16वीं लोकसभा में ज्यादा है।
‘जीरो ऑवर के हीरो’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अधिक से अधिक सदस्यों को बोलने का अवसर प्रदान कर शून्यकाल का अर्थ ही बदल दिया। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने उन्हें ‘जीरो ऑवर के हीरो’ की संज्ञा दी। 17वीं लोेकसभा के पहले पांच सत्रों में शून्यकाल के दौरान प्रतिदिन 29.72 सदस्यों ने अपनी बात रखी। जबकि 14वीं, 15वीं व 16वीं लोकसभा में यह संख्या क्रमशः 9.86, 9.27 तथा 24.19 रही थी।
खाने पर सब्सिडी खत्म, 100 करोड़ की बचत 
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यभार संभालते ही वित्तीय अनुशासन पर जोर देते हुए अनावश्यक खर्चों को समाप्त करने की पहल की। पहले वर्ष में करीब 151 करोड़ रूपए बचाने में सफल रहे। उन्होंने दूसरे वर्ष में करीब 250 करोड़ रूपए की बचत सुनिश्चित की। इस तरह दो वर्ष मे वे कुल 400 करोड़ रूपए बचाने में सफल रहे। बिरला के सबसे ऐतिहासिक फैसलों में एक संसद भवन में भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त करने का रहा। इससे लोकसभा प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रूपए की बचत करेगी।
 परम्पराएं मजबूत बनाने की पहल
लोकसभा अध्यक्ष ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को सशक्त बनाने की नई और अनूठी पहल की जिसके तहत देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था ने सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायतों के लिए कार्यशालाएं आयोजित कीं। देहरादून और उत्तर-पूर्व के सात राज्यों के लिए शिलांग में आयोजित कार्यशाला में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के करीब 41000 सदस्य ऑफ लाइन व ऑनलाइन जुड़े। राष्ट्रीय युवा संसद का फाइनल पहली बार संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हुआ। इससे प्रतियोगिता में भाग लेने वाले युवा संविधान निर्माण के इतिहास से भी रूबरू हुये।
25000 कागजों की बचत
लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों की क्षमता संवर्धन के लिए अनेक नवाचार तो किए ही लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए भी कई पहल की हैं। इसके तहत अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य विभाजन को रिव्यू किया गया। इसके अलावा लोकसभा में तकनीक के उपयोग पर जोर दिया। इससे प्रतिवर्ष 25 हजार से अधिक कागजों की बचत हुई है। लोकसभा के अनेक दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन भी किया जा रहा है।

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