लाल मंगल गृह चमकदार व बडा दिखाई देगा
उमाशंकर मिश्र
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
रात में आकाश को निहारने वालों को कल दो दुर्लभ खगोलीय घटनाएं देखने को मिलेंगी। एक ओर दुनिया भर में सदी के सबसे लंबी अवधि के पूर्ण चंद्रग्रहण को देखा जाएगा, दूसरी ओर इसी तरह की एक अन्य दुर्लभ खगोलीय घटना भी देखने को मिल सकती है।
शुक्रवार, 27 जुलाई को रात 10.37 बजे उपछाया क्षेत्र (पेनंब्रा) में चंद्रमा के प्रवेश के साथ चंद्रग्रहण की शुरुआत होगी। इसके ठीक 5 मिनट पहले मंगल ग्रह सामान्य से अधिक चमकदार और बड़ा दिखाई देगा। इस दौरान मंगल ग्रह ऐसी स्थिति में होगा, जिसे खगोल विज्ञान में विमुखता ( Opposition) कहते हैं।
विमुखता वह स्थिति है जब मंगल अपनी कक्षा में घूमते हुए पृथ्वी के बेहद नजदीक होता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और मंगल लगभग सीधी रेखा में होंगे। पृथ्वी एवं मंगल दोनों ही इस स्थिति में सूर्य के एक ओर ही होते हैं। ऐसे में मंगल, जिसे लाल ग्रह भी कहते हैं, सामान्य से अधिक चमकदार और बड़ा दिखाई देता है।
मंगल की विमुखता 27 जुलाई को शुरू हो जाएगी, लेकिन लाल ग्रह पृथ्वी के सबसे अधिक करीब 31 जुलाई को होगा। सूर्य के इर्द-गिर्द घूमने वाले ग्रहों की कक्षा का वृत्ताकार न होकर अंडाकार होना इसकी प्रमुख वजह होती है। यही कारण है कि विमुखता की विभिन्न स्थितियों के दौरान मंगल और पृथ्वी के बीच की दूरी भी अलग-अलग होती है।
15 वर्षों में पृथ्वी के सबसे करीब
पृथ्वी से मंगल की दूरी का यह दायरा 400 मिलियन किलोमीटर (2.7 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट) से लेकर 56 मिलियन किलोमीटर (0.38 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट) के बीच होता है। मंगल की पृथ्वी से सबसे अधिक नजदीकी विमुखता के दौरान होती है। इस बार मंगल पिछले 15 वर्षों में पृथ्वी के सबसे अधिक करीब होगा। यही कारण है कि पिछले पंद्रह वर्षों की अपेक्षा यह अधिक चमकीला और बड़ा भी दिखाई देगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्रवार को पृथ्वी से मंगल की दूरी महज 58 मिलियन किलोमीटर (0.39 एस्ट्रोनॉमिकल यूनिट) होगी। तकनीकी भाषा में समझें तो मंगल का कोणीय व्यास पृथ्वी से देखने पर 24 मिनट से अधिक होगा और यह -2.75 मैग्नीट्यूड से अधिक चमकदार होगा। इसकी तुलना अगर आकाश में सबसे अधिक चमकीले तारे सिरिस से करें तो वह भी इस दौरान मंगल के मुकाबले तीन गुना धुंधला दिखाई देगा।
टेलीस्कोप से दिखेगा लाल रंग का चंद्रमा
यह आकाशीय घटना खगोल विज्ञानियों के लिए एक अद्भुत अवसर है क्योंकि इस दौरान उन्हें टेलीस्कोप के जरिये मंगल के बारे में जानने का मौका मिलेगा। हालांकि, नंगी आंखों से आकाश को देखने वाले सामान्य लोगों के लिए लाल ग्रह को देखना आसान नहीं होगा क्योंकि पृथ्वी के बेहद करीब होने के बावजूद वह एक छोटे कण की तरह ही दिखाई देगा। हालांकि, ग्रहण के दौरान लाल रंग के चंद्रमा के बगल में इसे देखने का एक रोमांचक अवसर होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रहण के दौरान चांद के 6 डिग्री दक्षिण में मंगल को देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया सहित अन्य कई प्लेटफॉर्म पर यह बताया जा रहा है कि कल के दिन मंगल चांद जितना बड़ा दिखेगा। जबकि, इस बात में सच्चाई नहीं है। (इंडिया साइंस वायर)