शुभ्रता मिश्रा
न्यूजवेव, गोवा
वेयर हाउस की कमी से बड़ी मात्रा में फल और सब्जियां समय से पहले खराब हो जाती हैं। इस कमी को दूर करने के लिए इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, नईदिल्ली के एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से चलने वाली ‘मोबाइल कोल्ड स्टोरेज यूनिट’ बनायी है, जो फल तथा सब्जियों को ताजा रखने में मदद करेगी।
न्यूनतम लागत पर फलों और सब्जियों के लंबे समय तक स्टोरेज के लिए बनाए गए इस कोल्ड-स्टोरेज की स्टोरेज क्षमता 4.85 घनमीटर है। इसमें 1 क्विंटल फल तथा सब्जियों का भंडारण किया जा सकता है। इसकी लंबाई 1.83 मीटर, चौड़ाई 1.34 मीटर और ऊंचाई 1.98 मीटर है। इसे गैल्वनीकृत आइरन, पॉली-कार्बोनेट और प्लाईवुड की चद्दरों और ग्लास-वूल से बनाया गया है। इस कोल्ड-स्टोरेज में 40 क्रेट्स हैं और प्रत्येक क्रेट में 25 किग्रा फल और सब्जियां रखे जा सकते हैं।
कोल्ड-स्टोरेज में व्हील होने से इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसमें सौर ऊर्जा चलित 0.8 टन का एक एयरकंडीशनर लगाया गया है, जिससे कोल्ड-स्टोरेज के भीतर तापमान 9.5 से 11 डिग्री सेल्सियस और आर्द्रता 73 से 92 प्रतिशत तक बनी रहती है।
यह एयरकंडीशनर एक सौर फोटोवोल्टिक सिस्टम द्वारा चलाया जाता है। इस सिस्टम को कुल 8 सौर पैनलों, एक सौर इन्वर्टर और चार बैटरियों वाले एक बैटरी-बैंक को मिलाकर बनाया है। इसे इस तरह डिजरइन किया गया है, जिससे दिन में अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का उपयोग कर सके।
20 दिनों तक फल-सब्जी सुरक्षित
इस कोल्ड-स्टोरेज को विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ.पी.के. शर्मा ने बताया कि “सौरऊर्जा से चलने वाले इस नए कोल्ड-स्टोरेज से बिजली संकट से परेशान किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। बिजली की बचत के साथ-साथ इससे कृषि उत्पादों के खराब होने की समस्या दूर होगी। कोल्ड-स्टोरेज के भीतर निम्न तापमान और उच्च सापेक्ष आर्द्रता के कारण टमाटर जैसे उत्पादों को 20 दिन तक ताजा बनाए रखा जा सकता है। इसके अलावा अन्य सब्जियों और फलों, जैसे- पालक, शिमला मिर्च, ककड़ी, लौकी, तौरई और पपीते को भी 20 दिनों तक सुरक्षित रख सकते हैं।
डॉ. शर्मा के अनुसार,“ सोलर कोल्ड-स्टोरेज का निर्माण भारत में अभी प्रयोगात्मक चरण में है। फिलहाल देश में सभी कोल्ड स्टोरेज बिजली आधारित हैं। इसके विकल्प के रूप में सोलर कोल्ड स्टोरेज से एक निश्चित तापमान पर सीमित उत्पादों जैसे- आलू, संतरा, सेब, अंगूर, अनार, फूलों इत्यादि का भंडारण किया जा सकेगा। इससे फलों व सब्जियों की गुणवत्ता, ताजगी और जीवन अवधि बनाए रखने में मदद मिलेगी। किसानों और छोटे सब्जी तथा फल-विक्रेताओं की आय भी बढ़ेगी।”
अभी 30 फीसदी फल-सब्जी खराब हो जाते हैं
भारत दुनिया में फल और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। लेकिन, पर्याप्त शीत भंडारण सुविधाएं नहीं होने से 30 से 35 प्रतिशत फल और सब्जियां लोगों तक पहुंचने से पहले ही खराब हो जाती हैं। किसानों को फलों और सब्जियों को तुरंत बाजार ले जाकर बेचने और गुणवत्ता खराब होने का नियमित दबाव बना रहता है। इस नए कोल्ड-स्टोरेज के उपयोग से किसान उत्तम गुणवत्ता की भंडारण सुविधाओं का लाभ छोटे स्तर पर अपनी आवश्यकतानुसार उठा सकेंगे।
6 रू रोज में 1 क्विंटल सब्जियों का स्टोरेज
अध्ययनकर्ता डॉ.पी.के. शर्मा के अनुसार, इस सोलर कोल्ड स्टोरेज की लागत लगभग 1.72 लाख रुपये तक रहेगी। इसमें 1 क्विंटल फलों तथा सब्जियों को भंडारित करने की लागत प्रतिदिन 6.07 रुपये आती है। सिर्फ बिजली के खर्च की बचत से ही 9 साल में इस कोल्ड-स्टोरेज की लागत निकल आती है।