शिवपुरीधाम – महाशिवरात्रि पर्व पर देशभर से बडी संख्या में श्रद्धालु दर्शन व अभिषेक करने पहुंचते हैं।
न्यूजवेव@ कोटा
महाशिवरात्रि पर्व पर कोटा शहर में शिवपुरीधाम तीर्थस्थल पर सिद्धि व साधना का लघुकुंभ दिखाई देता है। देशभर में इकलौता ऐसा धार्मिक स्थल जहां सर्वाधिक 525 शिवलिंग एक साथ विधिपूर्वक स्थापित किये गये हैं। वर्षपर्यंत ‘ओम नमः शिवाय’ का उद्घोष करते हुये हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन व जलाभिषेक के लिये पहुंचते हैं।
शिवपुरीधाम में सात दिवसीय कथा के बाद तीन दिवसीय नवकुण्डीय महायज्ञ का समापन बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में हुआ। जिसमें सवा करोड़ मंत्रोंच्चार के साथ यज्ञ में आहूतियां दी गई। यजमानों ने आचार्य पंडित गोविन्द शरण के सानिध्य में ग्यारह ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच हवन यज्ञ कर आहूतियां देकर सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान भगवान भोलेनाथ का दुग्धधारा से रूद्राभिषेक किया गया।
शिवपुरीधाम के प्रमुख संत सनातनपुरी महाराज के सान्निध्य में आस्था का विराट अनुष्ठान चल रहा है। विभिन्न राज्यों से हजारों शिवभक्त यहां पुष्प, बिल्वपत्र, दूध के साथ साक्षात दर्शन व जलाभिषेक के लिये आते हैं। महाराज के अनुसार, 8 बीघा क्षेत्रफल में इस मंदिर परिसर में कल्पवृक्ष, चंदन व अन्य वृक्ष हैं। 12 वर्ष पूर्व 2007 में स्वस्तिक चिन्ह एवं योनि स्वरूप में कोटा के प्रसिद्ध तीर्थ शिवपुरीधाम में 525 शिवलिंग की स्थापना की गई। इस मौके पर 121 कुंडीय महायज्ञ के साथ मंत्रोच्चार व सिद्धि की गई। इस तीर्थ का धार्मिक महत्व इसलिये भी बढ़ जाता है कि इनमें से 109 शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे औकारेश्वर महादेव के दाबडी कुंड से लाये गये। शेष शिवलिंग शाहपुरा कोटपुतली के पास भेंसलाना के मकराना पत्थर से निर्मित किये गये।
आकर्षक का केंद्र -सहस्त्रलिंग
शिवपुरीधाम में बीच में स्थित सहस्त्रलिंग में कई खूबियां होने से महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं में यह आस्था का केंद्र रहता है। 14 टन वजन एवं 14 फीट लम्बाई लम्बाई के साथ 10 फीट लम्बे नाग के साथ 1001 छोटे शिवलिंग इस पर बने हुये हैं। इसके चारों ओर शिवलिंग पर श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं।
ऐसे करें शिवजी का अभिषेक
संत सनातनपुरी जी महाराज ने श्रद्धालुओं को पूजन विधि बताते हुए कहा कि महाशिवरात्रि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर भगवान से सुख-समृद्धि व लम्बी उम्र की कामना के साथ भगवान शिव को मंत्रोच्चार के साथ जल व पंचामृत से स्नान कराएं। बीलपत्र, आक, धतूरा चढाकर फूल मालाएं अर्पित कर महाआरती करें। इस दौरान सूक्ष्म फलाहार करें और रात्रि में ना सोएं। दूसरे दिन सुबह भगवान की पूजा-अर्चना कर फिर श्रद्धानुसार भगवान को भोग लगाने के पश्चात ही भोजन करें। महाशिवरात्रि पर जो भगवान भोलेनाथ का श्रद्धापूर्वक उपवास करता है, उसके जीवन में जितने कष्ट,रोग-दोष हैं, उन सभी को दूर कर खुशहाली का आर्शीवाद देते हैं।
कोचिंग विद्यार्थी करते हैं सफलता की कामना
स्ंत सनातनपुरी ने बताया कि प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि से पहले इस पवित्र परिसर में श्रीराम कथा, श्री महारूद्र यज्ञ एवं महारूद्राभिषेक सहित विविध अनुष्ठान होते हैं। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण बडे़ धार्मिक आयोजन नहीं किये गये। शिक्षानगरी कोटा में सिद्धस्थल होने से अन्य राज्यों के कोचिंग विद्यार्थी, अभिभावक व श्रद्धालु यहां मनोकामना के लिये आते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां बडी संख्या में श्रद्धालु बारी-बारी से दर्शन व जलाभिषेक के लिये पहुंचेंगे।