शिव महापुराण कथा : चौथे दिन बुधवार को दोगुना हुआ भक्तों का सैलाब
न्यूजवेव@कोटा
शिव महापुराण के अलौकिक कथावाचक आचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा ने बुधवार को चतुर्थ सोपान में कहा कि त्रिलोकधारी शिव की भक्ति करके उसकी महाशक्ति को पहचान लो। वो भक्ति करने वाले चोर को भी कुबेर बना देता है। इसलिये तीन माह ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं’ का जप कर भगवान शिव को जल चढ़ाकर देख लो आपको क्या फल मिलता है।
कोटा के दशहरा मैदान में श्रद्धालुओं के भक्ति सागर में शिव की महिमा बताते हुये आचार्य पं.मिश्रा ने कहा कि किसी आडम्बर और दिखाव से दूर मन से शिवभक्ति करें। शनि,मंगल, राहू, केतु आदि सभी ग्रह शिवलिंग के नीचे होते हैं, इसलिये जब आप सच्चे भाव से एक लौटा जल चढाते हैं तो जीवन में आपका कोई अमंगल नहीं होगा। आपके सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। इसीलिये जो भगवान शंकर की आराधना में मन और वृत्ति लगाते हैं, वे शिव के ही प्रतिबिम्ब बन जाते हैं अर्थात् उनकी आत्मा में शिव का वास होता है।
आडम्बर से दूर रहें
उन्होंने सचेत किया कि आजकल कोई शरीर में देवी-देवता आने का आडम्बर करते हैं तो उनसे दूर रहें। वो कुछ भी अशुभ बात कहकर आपको डरा देते हैं। जबकि देवता कभी किसी के शरीर में नहीं आते हैं। यदि यह सच होता तो कोई भी किसी शरीर में आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धर्म के मार्ग पर आगे बढने से बांध देता। पुराण में उल्लेख है, जो पूर्व जन्म के कर्म हैं, उनको इस जन्म में तुम्हे भोगना ही है। अच्छे हों या बुरे उसे स्वीकार कर लो। शिव के चरणों में जाकर बोलो- बाबा, मुझे तेरा ही भरोसा है। भक्ति में इतनी शक्ति होगी तो जीवन में कुछ भी बुरा नहीं होगा।
गौमाता को रोटी के साथ जल भी पिलायें
सारगर्भित प्रवचनों में आचार्य पं.मिश्रा ने कहा कि श्राद्ध पक्ष में दूज, चतुर्थी, अष्टमी, दशमी, एकादशी, प्रदोष या शिवरात्रि पर धूप के बाद गौमाता या कौवे को रोटी के साथ जल भी पिलायें। हम पितृदेव को जो भोग लगाते हैं, उसका जल आसुरी महाशनि ने श्राद्ध में जल एकत्र कर इंद्रलोक पर आक्रमण कर दिया था। उसके बाद वरूण मुनि पर भी कब्जा कर लिया था, उन्होंने अपनी सुपुत्री अपराजिता का विवाह महाशनि से कर दिया था। इंद्र अपस्तुक गुरू के पास पहुंचे। उन्होंने रूद्राक्ष का स्पर्श करवाकर ओम नमः शिवाय और श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जप करने की सीख दी। रूद्राक्ष में शिवतत्व होता है। इंद्र ने शंकर और पत्नी ने नारायण की निरंतर आराधना की, जिससे उनको अविनाशी दैविक शक्तियां प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि सफेद चावल के दाने, सफेद पुष्प, सफेद वस्त्र, दूध, दही, जनेउ शंकर को बहुत प्रिय हैं। श्राद्ध पक्ष में शिवजी को जल चढाते समय इनका प्रयोग रखें।
गुरूवार को विशाल शिव महाप्रसादी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने घोषणा कि गुरूवार को शिव महापुराण कथा सुनने वाले सभी भक्तों के लिये छप्पनभोग स्थल पर विशाल शिव महाप्रसादी का आयोजन होगा। कथा आयोजक विधायक संदीप शर्मा एवं उनकी पत्नी गीता शर्मा ने लाखों भक्तो के साथ शिव महाआरती की। शिवमहापुराण कथा में अंतिम दिन गुरूवार को आचार्य पं. प्रदीप मिश्रा के प्रवचन प्रातः 8 से 11 बजे तक होंगे।