खर्चा निकालना मुश्किल हो रहा, अच्छे भावों के इंतजार में घरों में भर रहे लहसुन
न्यूजवेव@ झालावाड
लहसुन के दाम गत वर्ष के मुकाबले आधे से भी कम रह जाने से किसानों के चेहरे पर निराशा है। गत वर्ष मे मण्डी मे लहसुन के दाम 4500 से 6000 थे लेकिन इस बार गिरकर 1500 से 2500 तक रह गए। किसानों ने बताया कि प्रति बीघा लहसुन की फसल मे 25,000 का खर्च आता है। साथ ही प्रति बीघा 10 से 12 क्विंटल की उपज होती है ऐसे मे लहसुन की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। किसान संघ ने सरकार से बाजार हस्तक्षेप नीति व लहसुन की सरकारी खरीद प्रारंभ करने की मांग की है।
जिले में किसान इन दिनों लहसुन की फसल तैयार करने में जुटे हैं। लेकिन सही भाव नहीं मिलने से किसान बेचने के मूड में नहीं दिख रहे है। भावों के इंतजार में लहसुन की फसल घरों में भर रहे हैं। क्षेत्र के किसान भाव बढ़ने का इंतजार करेंगे। जिल में मोतीपुरा, बैरागढ़, लक्ष्मीपुरा, गादिया, सेमली सहित ग्रामीण अंचल के किसानों ने लहसुन के वाजिब दाम नहीं मिलने से घरों में इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।
जिन किसानों के पास घरों में पर्याप्त जगह नहीं है, उन्होंने खेतों में ही लहसुन के ढेर लगाकर इकठ्ठा कर लिया। किसान लक्ष्मीनारायण, रामलाल लोधा ने बताया कि बुआई के समय ज्यादा भाव में खरीद की। बेचने का समय आया तो भाव कम मिलने से बेचने का मन नही कर रहा है।
नुकसान की चिंता
इन दिनों गर्मी में लहसुन की फसल खराब होने का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में किसान लहसुन को भरने के लिए 9 रुपए खर्च कर जालीदार कट्टे खरीदकर उनमें भर कर फसल बचाने की जुगत कर रहे हैं।
पैसों की जरूरत मगर बेच नहीं रहे
फसल तैयार होने के बाद किसान उनको बेचकर अपने खर्चों की पूर्ति करते है। इन दिनों शादियों का समय चल रहा है जिसमें किसानो का पैसों की जरूरत है। वहीं स्कूली बच्चों की फीस चुकाने का समय आ गया है। लेकिन अपेक्षा के अनुरूप भाव नही मिलने से किसान लहसुन की फसल कट्टों में भरकर कमरों में रखने पर मजबूर हैं। किसानों ने बताया कि खेतों में रखी तैयार लहसुन की फसल की सुरक्षा व देखभाल करनी पड़ रही है।
इधर, व्यापारियों ने शुरू की खरीद फरोख्त
खानपुर कृषि उपज मंडी मे सोमवार से लहसुन की खरीद फरोख्त शुरू हुई। संसदीय सचिव नरेन्द्र नागर ने फीता काटकर खरीद का शुभारंभ किया। इस दौरान लहसुन के अधिकतम दाम 2600 रूपये क्विंटल रहे। वहीं पहले दिन करीब 400 कट्टे आवक हुई।