न्यूजवेव @ कोटा
शहर के सेना क्षेत्र, मालारोड, रंगपुर, भदाना व बोरखेडा की आवासीय कॉलोनियों में कुछ दिनों से पैंथर के आवागमन व पदचाप की सूचना मिलने पर जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने रविवार 3 फरवरी देर रात स्वयं वन विभाग, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ इन क्षेत्रों में भ्रमण किया तथा पैंथर पकड़ने के इंतजामों की मॉनिटरिंग की।
जिला कलक्टर ने रात्रि में सैन्य क्षैत्र में सूचना केन्द्र से मालाफाटक, मालारोड, रंगपुर, भदाना रोड, सोगरिया रोड, सरस्वती कॉलोनी, रेल्वे स्टेशन क्षेत्र में टीम के साथ भ्रमण किया। उनके साथ सेना के कर्नल, अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन वासुदेव मालावत, डीएफओ जोधराज सिंह हाडा एवं टी. मोहनराज, सीआई श्रीचन्द साथ रहे।
उन्होंने पैंथर के विचरण के संभावित व चिन्हित क्षेत्रों में पानी के स्त्रोतों व प्रमुख मार्गो का निरीक्षण किया। वन विभाग के नेतृत्व में गठित 10 टीमों की लोकेशन पर जाकर कलक्टर ने पैंथर पकडने की प्रक्रिया को मौके पर जाकर देखा। गौरतलब है कि इन क्षेत्रों में रात्रि में पैंथर कुछ जानवरों को घायल कर चुका है।
उन्होंने पैंथर को टेंकुलाइज करने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर्स से फीडबैक लेकर अगली कार्ययोजना पर चर्चा की। रंगपुर भदाना रोड पर शिवराज व धनराज गुर्जर तथा सरस्वती कॉलोनी में अमित महावर के नेतृत्व में 5 स्थानीय युवा वनविभाग की मदद के लिए वॉलियंटर के रूप में गश्त कर रहे हैं। जिला कलक्टर ने उनसे अब तक पैंथर की लोकेशन व वनविभाग के इंतजाम देखे।
जिला कलक्टर ने नागरिकों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान नहीं देें। पैंथर संबंधी सही सूचना वनविभाग के अधिकारियों जोधराज सिंह हाडा को फोन नंबर 0744-2322747, मोबाइल नं. 8949897604, सुनील चिद्री 0744-2321263 व मो. 9468959229, टी. मोहनराज को 0744-2470723 व मो. 9462914500 पर तत्काल देने की बात कही।
10 टीमें मौके पर तैनात
पैंथर के संभावित आवागमन एवं लोकेशन की निगरानी के लिए मौके पर 10 टीमें निगरानी करती हुई पायी गई। वन विभाग के नेतृत्व में आर्मी एरिया में सेना के जवानों तथा सिविल एरिया में स्थानीय नागरिकों द्वारा वन विभाग के सहयोग के लिए गश्त की जा रही थी। टीमों द्वारा रात्रि एवं प्रातः 4-4 घंटे निरंतर निगरानी रखने की जानकारी दी।
दीवारों पर लगाया जाल
सैन्य क्षेत्र में सघन वनक्षेत्र से पैंथर मालारोड एवं आवासीय क्षेत्रोें में नहीं आ सके, इसके लिए आर्मी एरिया की दीवार पर मुर्गाजाल लगाया गया है। जिला कलक्टर ने निरीक्षण के दौरान ऐसे संभावित स्थानों पर जाल लगाने के निर्देश दिये।