न्यूजवेव@ कोटा
मुकुन्दरा टाईगर रिर्जव में बाघिन एमटी-2 की गर्दन में घाव का 28 जनवरी को विभागीय अधिकारियों एवं पशु चिकित्सकों ने उपचार किया। उसके बाद उसे सॉफ्ट एनक्लोजर में गहन निगरानी में रखा गया है। वर्तमान में बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है। सोमवार को वह वाहन से कूदकर सॉफ्ट एनक्लोजर में चली गई।
मुख्य वन संरक्षण एवं क्षेत्रीय निदेशक मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व घनश्याम प्रसाद शर्मा ने बताया कि एमटी-2 बाघिन के गर्दन के ऊपरी हिस्से में घाव होने की जानकारी विभाग को 23 जनवरी को मिली। उसके बाद 24 जनवरी को विभागीय पशु चिकित्सकों से बाघिन की मॉनीटरिंग की गई।
चिकित्सकों ने तीन दिन तक सघन मॉनीटरिंग के साथ निगरानी रखने का सुझाव दिया। 27 जनवरी तक उप वन संरक्षक ने टाईगर की मॉनीटरिंग करते हुए उसकी गर्दन के घाव की फोटो लेकर डॉक्टर्स से राय ली। उसके बाद सोमवार को एमटी-2 को विभागीय अधिकारियों एवं पशु चिकित्सकों ने टेंकुलाइज कर घाव का उपचार किया।
फिलहाल एमटी-2 पूरी तरह स्वस्थ्य है। चिकित्सकों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि उपचार के समय उप वनसरंक्षक टी मोहनराज, सहायक वन संरक्षण दीपक चौधरी, पशु चिकित्सक अरविंद माथुर, वन्यजीव चिकित्सक वारिस, वन चिकित्साधिकारी चिडियाघर जयपुर अखिलेश पाण्डेय, पशु चिकित्सक चिडियाघर कोटा मौजूद रहे।