भव्य कलश यात्रा के साथ नंदवाना भवन में हुआ श्रीमद भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ
न्यूजवेव @कोटा
महावीर नगर विस्तार के नंदवाना भवन में शनिवार को श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर रामजानकी मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कथा के प्रथम सोपान में आचार्य पं.कैलाश चंद्र तेहरिया ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा ब्रह्म ज्ञान की पाठशाला है, जिसका श्रवण करने से हृदय निर्मल व पवित्र हो जाता है। भागवत भक्ति से श्रीकृष्ण के चरणों में अनुराग बढ़ जाता है जिससे हमें ज्ञान वैराग्य की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति हमेशा अच्छे को अच्छा ही लौटाती है। मनुष्य जीवन में अपनी प्रिय वस्तु का दान-पुण्य करें। नियमित हरि संकीर्तन कर अपने मंन मंदिर में ठाकुरजी का वास बनाये रखें। कथा श्रवण से नेत्र, कर्ण, वाणी सब पवित्र हो जाते हैं। जीवन और मृत्यु के बीच सुकृत पुण्य अवश्य कमायें, वही साथ जायेंगे। जिनका जीवन सदाचारी होता है वे अपने कुल को भी पवित्र कर देते हैं।
आचार्य तेहरिया ने कहा कि दुंदुभी-गौकर्ण प्रसंग सुनाते हुये कहा कि भक्ति से बांस की बांसुरी की सात ग्रंथियां सात सुरों में बदल जाती है। इसी तरह, भागवत श्रवण करने से हमारे अंतर्मन में विकारों की ग्रंथियां खुल जाती है। जिससे हमें कलह व कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसलिये सत्संग से जुडकर अपने पुण्य का पलडा भारी कर लें। आज कोई तन से दुखी, कोई मन से दुखी कोई धन की कमी से है उदास लेकिन ठाकुरजी जिसके पास हों वह कभी नही होता निराश।
सेवा, भाव से होती है धन से नहीं
उन्होंने कहा कि आज भक्ति की कमी से पति-पत्नी के सुर बदल रहे हैं। उनमें मतभेद बढ रहे हैं। माता-पिता की सेवा में कमी आ रही है। सेवा हमेशा भाव से होती है धन से नहीं। माता-पिता और गुरू के आशीर्वाद से आयु, विद्या, यश और आत्मबल इन चारों में वृद्धि होती है।जो निर्मल भाव से माता-पिता की सेवा करते हैं वे भवसागर पार हो जाते हैं। कथा आयोजक समाजसेविका श्रीमती अनोख गुप्ता, रोहित गुप्ता के सभी परिजनों ने श्रीमद भागवत की महाआरती की। अंत में पूर्व पार्षद लालचंद गुप्ता की ओर से प्रसाद वितरित किया गया।