उत्सवी फिजां : 18 घंटे में 80 किमी दूरी तक जनता ने पलक पांवडे बिछाकर स्वागत किया
न्यूजवेव@ कोटा
कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में शनिवार को स्नेह की मूसालाधार वर्षा हुई। अवसर था दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने ओम बिरला का अपने संसदीय क्षेत्र में प्रथम आगमन का। बूंदी से कोटा तक 80 किमी की सीमा पर उत्सवी बयार देखने को मिली। सभी स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ता, बुजुर्ग,नौजवान,महिला, किशोर, बच्चे सभी अपने लाडले सांसद का स्नेह से स्वागत करने को आतुर थे। चारों ओर स्वागत द्वार, होर्डिंग व बैनर सहित आतिशबाजी की धूम ने स्वागत यात्रा को उत्सवी फिजां में बदल दिया। 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित होकर ओम बिरला ने देश-दुनिया में राजस्थान का गौरव बढा दिया है। हिण्डोली से कोटा स्थित आवास तक करीब 80 किमी का सफर तय करने में स्पीकर बिरला को 18 घंटे लगे। यात्र के दौरान पल-पल जन उल्लास बता रहा था कि ओम बिरला यहां की जनता के दिलों में बसे है, उनसे अपनत्व रखते हैं।
स्पीकर बिरला शाम 6 बजे बड़गांव स्थित कोटा के प्रवेश द्वार पर पहुंचे। वहां बड़ी संख्या में लोग पहले से उनकी अगवानी के लिए जमा थे। ढोल नगाडों के साथ खुशी से झूमते हुये कार्यकर्ताओं ने उनका अभिनंदन किया। सबसे प्रेम से मिलते हुये बिरला रात 9.45 बजे नयापुरा पहुंचे। वहां से खाई रोड, लाडपुरा रामपुरा से कैथूनीपोल तक नागरिक उनकी आगवानी का बेसब्री से इंतजार करते हुये दिखे। जगमगामी रोशनी में छतों और मुंडेरों पर खड़े होकर लोग, बिरला का अपनत्व भरी निगाहों से स्वागत कर रहे थे।
स्पीकर ओम बिरला की आगवानी में जो स्नेहवर्षा हुई उसने पांच वर्ष पुरानी यादों को जीवंत कर दिया जब बिरला पहली बार लोक सभा अध्यक्ष बनने के बाद कोटा आए थे। उस समय भी आमजन में ऐसा ही उत्साह और उमंग दिखाई दिया था।
माता-पिता को याद कर हुए भावुक
कैथूनीपोल में स्पीकर बिरला अपने पैतृक निवास बिरला भवन पहुंचे। यहां परिवार के सबसे वरिष्ठ सदस्य से सबसे छोटे सदस्य तक सब उनका इंतजार कर रहे थे। बिरला की आंखें निरंतर मां शकुंतला देवी और पिता श्रीकृष्ण बिरला की तस्वीरों पर अटकी हुई थीं। पिछली बार लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद जब बिरला यहां पहुंचे तो उन्हें पिता श्रीकृष्ण बिरला का आशीर्वाद मिला था। बिरला पिता के उस स्नेह और आशीष को याद कर भावुक हो गए।
गुरुद्वारा अगमगढ़ में टेका माथा
स्पीकर ओम बिरला का काफिला गुरुद्वारा अगमगढ़ पहुंच कर थम गया। स्पीकर गुरुघर पहुंचे और माथा टेका। इस दौरान बाबा लक्खा सिंह और बाबा बलविंदर सिंह ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
थम सा गया पूरा शहर
बूंदी पहुंचने पर भी स्पीकर बिरला का भव्य स्वागत किया गया। हाइवे मुड़कर दधिमाता, बायपास चौराहा, रानी जी की बावड़ी, चौगान गेट, इंदिरा मार्केट, अहिंसा सर्किल, सर्किट हाउस, देवपुरा होते हुए बिरला रेलवे स्टेशन तिराहा पहुंचे। इस दौरान पूरे मार्ग पर कदम रखने के लिए जगह नहीं बची थी। पूरा रास्ता स्वागत द्वारों से अटा पड़ा था। बिरला हर किसी से एक मीठी मुस्कान से मिलते हुए आत्मीयता से आभार जता रहे थे। हर कोई अपने लाडले सांसद के साथ एक सेल्फी लेने का तरस रहा था। इस स्वागत यात्रा में सभी कार्यकर्ता व नेता राजनीति से परे आत्मीयता की डोर से बंधे रहे।