Wednesday, 24 April, 2024

हम नहीं बदले तो पर्यावरण सब कुछ बदल देगा- डॉ.किरण सेठ

मिसाल : स्पिक मैके संस्थापक पद्म श्री डॉ.किरण सेठ साइकिल से भारत यात्रा के तहत कोटा पहुंचे
न्यूजवेव@ कोटा

पर्यावरण से मानवीय रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने के लिए 73 वर्षीय पद्मश्री डॉ.किरण सेठ गत 11 मार्च से साइकिल से भारत यात्रा पर निकले हैं। वे 14 मई को वे साइकिल से कोटा पहुंचे, जहां स्पिक मैके कोटा चैप्टर और साइक्लोट्रोट टीम ने उनका अभिनंदन किया।


चार दिवसीय कोटा यात्रा पर आये डॉ.किरण सेठ ने पत्रकारों से कहा कि आज देश में परिस्थितियां बदल रही है, मौसम बदल रहे हैं, गर्मी के पिछले रिकॉर्ड टूट रहे हैं। यह सब क्यों हो रहा है, इस पर विचार करना जरूरी है। यदि हम अब भी नहीं बदले तो पर्यावरण हमारा सब कुछ बदल देगा। बदलते जलवायु और मौसम का खामियाजा पूरी मानव सभ्यता को झेलना पड़ेगा। मानव और पर्यावरण के बीच रिश्ता प्रगाढ़ होगा, तभी हम आने वाले कल को बेहतर बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि साईकिल से भारत यात्रा का उद्देश्य देश में युवाओं के बीच जाकर सरल और सादगी से सेहत को ठीक रखना, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, स्पिक मैके के उद्देश्यों से नई पीढ़ी को जोड़ना है।
वेस्ट और बेस्ट में से एक को चुने
डॉ.सेठ ने कहा कि आज वेस्ट और बेस्ट के चयन का समय चल रहा है। हमने वेस्ट का कल्चर देखा जो कि हमारे चारों ओर है, उसमें से हम बहुत कुछ खोते जा रहे हैं। रोज नए लक्ष्य बनाना कभी न खत्म होने वाली भूख है। जबकि हमारी संस्कृति, संस्कार और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धान्त हमारे पास हैं, उसी में हम खुशी खोजते हैं, संतोषी रहते हुए अच्छे रहते हैं। आज भारत के युवा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ युवा हैं, इन्हें भारतीय संस्कृति से जोडकर अच्छा माहौल देने की जरूरत है।
बच्चों को सीधे युद्ध में न उतारें
वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर डॉ.सेठ ने कहा कि आजकल बच्चों को सीधे युद्ध में उतार दिया जाता है जबकि उन्हें हथियार चलाना ही नहीं आता। हमें उनको पहले यह बताना होगा कि नया सीखना कैसे है? जब तक बच्चे यह नहीं समझेंगे वे 10 मिनट के काम को 10 घंटे में करेंगे। योद्धा यदि प्रशिक्षित होकर युद्ध लड़ने जायगा तो जीतने की संभावनाएं प्रबल होंगी। इसलिए बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये उनके ध्यान और ठहराव पर फोकस करें।
बच्चों में एकाग्रता की कमी सबसे बड़ी समस्या है। वे ध्यान से कोई काम पूरा नहीं कर पाते हैं। इसके लिए योग सबसे जरूरी है। जिन संस्थाओं ने बच्चों को योग से जोड़ा है उनके परिणाम बेहतर आए। जिन्हें शास्त्रीय संगीत और गायन की शिक्षा दी गई वो ध्यान केन्द्रित करने में काम आई। वर्तमान समय में बच्चों को तनाव मुक्त रखने के लिए रचनात्मक गतिविधियां बहुत जरूरी है।
11 मार्च को शुरू हुई थी यात्रा


स्पिक मैके कोटा चेप्टर अध्यक्ष अशोक जैन ने बताया कि 73 वर्षीय पद्मश्री व राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित डॉ.किरण सेठ ने 11 मार्च 2022 को राजघाट दिल्ली से साइकिल से भारत यात्रा प्रारंभ की है। वे दिल्ली से अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अहमदाबाद, बड़ौदा, दाहोद, गोधरा, पेटलावद, बदनावर, बड़नगर, उज्जैन और झालावाड़ होते हुये भीषण गर्मी में साइकिल से कोटा पहुंचे। यहां से डॉ.सेठ करीब 1500 किमी की यात्रा पूरी करते हुए दिल्ली में समापन करेंगे।
रविवार को पं.विश्वमोहन भट्ट का वीणा वादन
अशोक जैन ने बताया कि डॉ.सेठ के आगमन पर 15 मई सुबह 10 बजे आरटीयू कोटा में राजस्थान कोर्डिनेटर मीट होगी। सायं 5 बजे रोटरी क्लब द्वारा नागरिक सम्मान किया जाएगा। शाम 6 बजे पद्मविभूषण एवं ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित पं. विश्वमोहन भट्ट का वीणा वादन होगा। सोमवार 16 मई को सुबह 11 बजे सहोदया स्कूल प्रिंसिपल के साथ संवाद करेंगे। 17 मई को प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन द्वारा वार्ता होगी। 18 मई प्रातः 6 बजे वे लाखेरी के लिए रवाना होंगे।
डॉ. किरण सेठ आईआईटी दिल्ली से भी जुड़े रहे। देश के पर्यावरण और संस्कृति को लेकर उन्होंने 1977 में स्पिक मैके की स्थापना की। इसके वार्षिक सम्मेलन प्रत्येक आईआईटी में हो चुके हैं। देश के 500 शहरों में 2000 से अधिक शैक्षणिक संस्थाएं स्पिक मैके से जुड़ी हुई है। इसका उद्देश्य हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत व नृत्य, विभिन्न वाद्य आयोजन, लोक संगीत, लोक गायन, लोकनृत्य, पेंटिंग, हेरिटेज वॉक, आध्यात्मिक संगीत, रंगमंच (नाटक), क्लासिकल फिल्म, योग कार्यक्रम, प्रख्यात हस्तियों द्वारा वार्ताएं, मास्टर शिल्पकारों द्वारा शिल्प के माध्यम से युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ना है।

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