न्यूजवेव @ बडोदरा
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने रविवार को बडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी के 72वें दीक्षांत समारोह में कहा कि ‘जीवन एक मैराथन है, न कि 100 मीटर की दौड़।’
देश के छात्रों और युवाओं को असफलता से सीख लेने की सलाह देते हुये उन्होंने वर्चुअल उद्बोधन में कहा कि वे युवाओं द्वारा मौके के अनुरूप आगे बढने और वर्तमान समय की कठिन चुनौतियों से निबटने की क्षमता से चकित हैं। न्यायमूर्ति ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यस्था यह नहीं बताती है कि असफलता हमारे विकास में कितनी महत्वपूर्ण है बल्कि असफलता से नफरत करना सिखाती है। यूनिवर्सिटी ने 346 गोल्ड मेडल में से 336 गर्ल्स स्टूडेंट्स को प्रदान किये जो विकसित भारत की बदलती तस्वीर है।
जीवन एक मैराथन है, न कि 100 मीटर की दौड़ – सीजेआई चंद्रचूड़
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