REET-2022 जुलाई में प्रस्तावित, कुल 42, 500 पदों पर होगी शिक्षक भर्ती
न्यूजवेव @ जयपुर
राजस्थान सरकार ने सोमवार को राजस्थान शिक्षक भर्ती की लेवल-2 परीक्षा (REET-2021) रद्द कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा करते हुये जानकारी दी कि लेवल-2 की शिक्षक भर्ती परीक्षा फिर से आयोजित की जायेगी।
याद दिला दें कि प्रदेश में इस परीक्षा के पेपर लीक होने की घटना उजागर होने के बाद से इसे रद्द करने की मांग उठाई जा रही थी। साथ ही, विरोधी दलों ने राज्य सरकार से इसकी जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी। लोकसभा के ताजा सत्र में भी रीट परीक्षा में हुई धांधली की आवाज उठाई गई। यह परीक्षा 26 सितंबर,2021 को हुई थी।
अब 42,500 पदों के लिये होगी
मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय केबिनेट बैठक के बाद घोषणा की कि रीट-2022 परीक्षा में भर्ती शिक्षकों के पद 20 000 से बढाकर 30 000 किये जा रहे हैं। इसमें लेवल-1 के 16500 पद जोडने से कुल 42 हजार 500 रिक्त पदों के लिये शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित होगी। यह परीक्षा दो चरणों में होती है। पहले चरण में एलिजिबिलिटी परीक्षा और दूसरा चरण सब्जेक्ट के अनुसार होगा। रीट-2022 को जुलाई में आयोजित करने का प्रस्ताव है, जिससे इस वर्ष बीएसटीसी एवं बीएड करने वाले विद्यार्थी भी इसमें शामिल हो सकेंगे।
यह कैसी परीक्षा
विशेषज्ञों की राय में, प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि 26 लाख बेरोजगारों में से सवा लाख अभ्यार्थियों को 140 से अधिक अंक दे दिये गये। भाजपा ने आरोप लगाया था कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सीकर के कोचिंग संस्थान द्वारा जारी किये गये एक एप को सार्वजनिक करने के बाद भी चुप्पी बनाये रखी। परीक्षार्थियों का कहना है कि इस भर्ती परीक्षा में उनका जो खर्च हुआ है, उससे सभी अथ्यर्थियों पर दोहरी आर्थिक, मानसिक व शारिरिक मार पडेगी। राज्य सरकार को दोषियों को कठोर सजा देने के कदम तत्काल उठाने चाहिये। वर्षों से शिक्षक बनने का सपना देख रहे शिक्षित बेराजगार फिर ठगे से रह गये।
कॅरिअर के सपने टूट गये
रीट लेवल टू की दोबारा परीक्षा कब आयोजित की जायेगी, प्रदेश के लाखों परीक्षार्थियों की चिंता इस बात को लेकर बढ गई है। जिन्होंने पूरी तैयारी के साथ यह परीक्षा दी थी, उनके कॅरिअर के सपने टूट गये हैं। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि विधानसभा में इस परीक्षा में पेपर लीक होने के मामले में सच का सामना करने की बजाय सरकार ने पिछले दरवाजे से इसे रद्द कर दिया है। लेकिन लाखों परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ जो खिलवाड हुआ, उसके लिये जिम्मेदार शिक्षा मंत्री नैतिकता के नाते इस्तीफा देने का साहस क्यों नहीं जुटा रहे हैं।