कोटा के चम्बल रिवर फ्रंट पर हुआ गंभीर दर्दनाक हादसा
न्यूजवेव @कोटा
चम्बल रिवर फ्रंट पर निर्माणाधीन दुनिया की सबसे बडी 75 किलो की घंटी को सांचे से बाहर निकालते समय गंभीर हादसा हो गया जिसमें दो मौतें हो गईं। शुक्रवार को इस घटना में अधिशासी अभियंता देवेंद्र आर्य एवं उनके साथ काम कर रहे मजदूर छोटू की आकस्मिक मृत्य हो जाने से शहर में हडकंप मच गया।
कुन्हाडी पुलिस थाना प्रभारी महेंद्र कुमार ने बताया कि इस विशाल घंटी को सांचे से बाहर निकालने के लिये दोपहर 3 बजे इंजीनियर देवेंद्र आर्य व मजदूर छोटू अपने कार्य में जुटे हुये थे। हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से भारी घंटी को बाहर निकालते समय उपर लगा हुआ लोहे का जोड़ क्रेन से टकराकर तीन टुकडों में टूट गया। जिससे दोनो असंतुलित होकर 35 फीट उंचाई से गिर गये। इस घटना में दोनों के सिर व हाथ पैर में गंभीर चोटें आई। अस्पताल ले जाते समय मजदूर छोटू की मौत हो गई जबकि शाम 6 बजे आईसीयू में भर्ती इंजीनियर देवेंद्र आर्य ने भी दम तोड दिया।
याद दिला दें कि गत 3 नवंबर को नगर विकास न्यास और संवेदक ने सांचे में ढालने वाले अनुभवी इंजीनियर देवेंद्र आर्य को घंटी को बाहर निकालने की जिम्मेदारी सौंपी थी। सूत्रों ने बताया कि 17 अगस्त को इस भारी भरकम घंटी को सांचे में ढालने का कार्य किया गया था। लेकिन इस दौरान आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया एवं इंजीनियर देवेंद्र आर्य के बीच विवाद हो जाने से इंजीनियर घंटी को सांचे से बाहर निकाले बिना कोटा से लौट गये थे। इस घंटी को दुनिया की सबसे बडी घंटी होने का दावा किया गया था, जिसकी आवाज 8 किमी तक सुनाई देती। लेकिन चम्बल रिवर फ्रंट के लोकार्पण तक इस अनूठी विशाल घंटी का निर्माण पूरा नहीं हो सका।