हाड़ौती में ASD डिवाइस क्लोजर तकनीक से दो दिन में मरीज घर लौटे
न्यूजवेव @ कोटा
कोटा के सुधा अस्पताल में सोमवार को दो बच्चों के दिल का ऑपरेशन पैर के रास्ते तार की सहायता से किया गया। ASD डिवाइस क्लोजर लगाकर मासूमों को नई जिंदगी दी गई। कार्डियक सर्जन डॉ. पलकेश अग्रवाल व डॉ. शुभम जोशी ने बताया कि सवाईमाधोपुर में रहने वाले 2 साल के बच्चे भगवती जाट के दिल में रक्त आपूर्ति करने वाली मुख्य धमनी में ब्लॉकेज पाया गया। जिससे उसका विकास रूक गया था। उसकी पल्स भी धीमी चल रही थी।
डॉ. जोशी ने बताया कि ब्लड प्रेशर अधिक होने से ब्रेन में व अन्य जगह पर खतरा था। चिकित्सकों की टीम ने पैर में एक छोटा सा चीरा लगाकर तार की सहायता से एडोस्कॉपी करते हुए बेलून से बच्चे की धमनी को चौड़ा किया और रूकी हुई धमनी को क्लीयर किया। पैर के रास्ते दिल तक रक्त पहुंचाने का बच्चों में संभवतया ये पहला दुर्लभ केस है। ऑपरेशन के बाद दो दिन में उसे घर भेज दिया गया।
इसी तरह, कोटा की 5 वर्षीया आयशा को बचपन से ही दिल में छेद था। जिससे उसे बार-बार निमोनिया, इन्फेक्शन व खेलने-कूदने में परेशानी हो रही थी। उसका डवलपमेंट रूक गया था। बार-बार उसकी सांसें फूलती थी। डॉ. शुभम जोशी ने बताया कि इस बच्चे के पैर में छोटा सा चीरा लगाकर उसके दिल के छेद को बंद किया गया। डॉ.पलकेश अग्रवाल ने बताया कि ऐसे जटिल ऑपरेशन के लिये मरीजों को जयपुर या राज्य से बाहर जाना पड़ता था। लेकिन अब यहां नई तकनीक से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। दोनो ऑपरेशन आरबीएसके योजना के तहत किए गए हैं जिसमें मरीज से कोई पैसा नहीं लिया गया है। ऑपरेशन में वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ.् पुरूषोत्तम मित्तल, डॉ.् प्रवीण कोठारी, निश्चेतना विभाग के डॉ. वरूण छाबडा सहित स्टॉफ शामिल रहा।