लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने किया नेशनल मसाला बिजनेस मीट-2023 का उदघाटन
न्यूजवेव @ जयपुर
लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला ने शनिवार 28 जनवरी को जयपुर के राजस्थली रिसोर्ट, कूकस में राजस्थान एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (RAS) द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय मसाला बिजनेस मीट-2023 का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के कई जिलों में जीरा, धनिया, मैथी, सौंफ, कसूरी मैथी, अजवाइन, सरसों आदि मसाला उत्पादों की खेती तेजी से बढ़ती जा रही है। भारत में 25 प्रतिशत मसाला उत्पादों की पैदावार, कल्टीवेशन, प्रोसेसिंग, पेकिंग व एक्सपोर्ट में राजस्थान का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। नागौर की कसूरी मैथी पैदावार से देश में 70 प्रतिशत मांग पूरी हो रही है। राजस्थान दुनियाभर में ‘मसाला हब’ बनकर उभर रहा है, इससे किसानों की आय बढाने का प्रयास करें।
समारोह के मुख्य अतिथि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आज मसालों का उपयोग खाद्यान्न के साथ दवाइयों व जडी-बूटियों में भी बढता जा रहा है। अपनी खुशबू व उम्दा क्वालिटी के कारण में मिडिल ईस्ट, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशो में भारतीय मसालों की मांग बहुत अधिक रहती है। आज आवश्यकता है कि देशभर के मसाला उद्यमी, व्यवसायी, कृषि विशेषज्ञ मिलकर नई तकनीक से किसानों की आय को बढाने पर मंथन करें।
किसानों के साथ एफपीओ(FPO) बनायें
बिरला ने रास संगठन के प्रतिनिधियों से कहा कि प्रदेश के किसानों को कृषि में नई तकनीक, नवाचार, नये यंत्रों व अच्छे बीजों के प्रयोग, पेस्टिसाइड व फर्टिलाइजर के कम प्रयोग पर जागरूक करने के लिये कुछ गांवों को गोद लेकर वहां फार्मर प्रोडक्शन आर्गेनाइजेशन (FPO) बनाने की शुरूआत करें। ऐसे समूहों के साथ मिलकर परंपरागत के स्थान पर आधुनिक तकनीक से मसाला उत्पादों की खेती करें और उसका प्रतिवर्ष मूल्यांकन भी करें। आप मसालों की पैदावार में वैल्यू एडिशन जोडकर किसानों को बहुत समृद्ध बना सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिय किसानों और समृद्ध करना चाहते हैं।
गांवों से पलायन रूकेगा
लोकसभा स्पीकर बिरला ने कहा कि गांवों में रोजगार एक बडा संकट है। हमें गांव के युवाओं को शहरों में पलायन रोकना है तो उन्हें एग्रीकल्चर में स्टार्टअप व नई तकनीक से खेती करने के लिये प्रेरित करना होगा। रास जैसे संगठन इसमें अहम योगदान कर सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से मसाला निर्यात में आने वाली सभी परेशानियों को दूर किया जायेगा, जिससे व्यवसायी के साथ किसानों को भी उनके उत्पादों की अच्छी कीमतें मिलें।
जोधपुर में खोलें स्पाइसेस रिसर्च सेंटर
रास के संस्थापक निदेशक पुरूषोत्तम मूंदडा ने कहा कि पश्चिम राजस्थान के कई जिलों में जीरा, सरसों, सौंफ व कसूरी मैथी की पैदावार सर्वाधिक हो रही है, जबकि भारत सरकार का स्पाइसेस रिसर्च सेंटर जोबनेर में चल रहा है, इसे जोधपुर में खोला जाये। जिससे वहां किसानों को मिट्टी, बीज व पैदावार के बारे में नई जानकारी व प्रशिक्षण मिल सके। वे नई तकनीक से खेती करें। उन्होंने मांग की कि कोराना के समय राज्य सरकार ने किसान कल्याण टेक्स लागू किया था, उसे खत्म किया जाये, जिससे प्रदेश के मसाला उत्पादों का विपणन और बढ जायेगा।
रास के संस्थापक निदेशक महावीर गुप्ता ने कहा कि राजस्थान मसालों के अर्क व तेल के लिये भी दुनियाभर में मशहूर है। प्रदेश के मसाला उद्यमी व व्यवसायी नई तकनीक से मसाला उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिये प्रयासरत रहेंगे। रास के संस्थापक निदेशक विनीत चौपडा, मुम्बई ने कहा कि अकेले राजस्थान में प्रतिवर्ष 11,800 करोड़ रू के मसाला उत्पादों की पैदावार हो रही है। संस्थापक निदेशक कैलाशचंद आटोलिया, हस्तीमल, बनवारीलाल अग्रवाल एवं श्याम सुंदर जाजू ने सबका आभार जताया।
मसाला प्रदर्शनी का उद्घाटन
समारोह में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मसाला उद्यमी केेके मेनन, अर्नाकुलम, किरणदीप सिंह, मुंबई, सुरेश राठी, अरूण रास्ते, एमडी, एनसीडीएक्स, शरद कुमार साहू, कटक, सुशांत कुमार, राकेश बुलेचा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। बिरला ने राजस्थली रिसोर्ट में देश के मसाला उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। विभिन्न राज्यों से आये प्रतिनिधियों ने राजस्थान, मप्र व गुजरात में मसाला उत्पादों की वर्तमान स्थिति एवं इनसे जुडी परेशानियों के समाधान पर पैनल चर्चा की।