Wednesday, 6 November, 2024

सार्वजनिक उपक्रम ‘5-पी’ के फॉर्मूले पर काम करें

प्रधानमंत्री ने ‘सीपीएसई सम्मेलन’ का उद्घाटन किया।

न्यूजवेव नईदिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विज्ञान भवन में ‘सीपीएसई सम्मेलन’ में शिरकत करते हुए कहा कि सार्वजिनक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को अच्छे प्रदर्शन के लिए सरकार ने व्यापक आजादी दी है। पीएसयू ने राष्ट्र निर्माण एवं इकोनाॅमी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रधानमंत्री ने पीएसई का आह्वान किया कि वे प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं में बदलावों के जरिए ‘नए भारत’ का निर्माण करें। इसके लिए पीएसई को ‘5-पी’ के फॉर्मूले पर काम करना होगा। जिनमें परफॉर्मेंस (प्रदर्शन), प्रॉसेस (प्रक्रिया), पर्सोना (छवि), प्रोक्योरमेंट (खरीद) और प्रिपेयर (तैयार रहना) शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि परिचालन एवं वित्तीय प्रदर्शन में बेहतरी, पारदर्शिता एवं प्रक्रियाओं में जवाबदेही, ‘जेम’ प्लेटफॉर्म के जरिए एवं एमएसएमई से खरीद और तकनीकी व्यवधानों जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग एवं रोबोटिक्स के लिए तैयार रहें।

किसी थीम पर हो सीसीआर खर्च
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सार्वजनिक क्षेत्र के लिए लाभ कमाने के साथ सामाजिक योगदान करना भी महत्वपूर्ण है। पीएसयू की बदौलत आज देश के गांवों तक बिजली पहुंचाने से लेकर एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना संभव हो सका।
सम्मेलन में कॉर्पाेरेट गवर्नेंस, मानव संसाधन प्रबंधन, वित्तीय पुनर्गठन, नवाचार एवं टेक्नोलाॅजी और नए भारत के लिए विजन 2022 थीम पर प्रजेंटेशन दिए गए।

2022 तक पीएसयू के सामने 5 चुनौतियां
– कैसे अपनी भू-रणनीतिक पहुंच को अधिकतम करेंगे ?
– कैसे देश के आयात बिल को न्यूनतम करेंगे?
– कैसे नवाचार और अनुसंधान को एकीकृत करेंगे?
– पीएसयू के सीएसआर कोष के उपयोग के लिए रोडमैप क्या हो?
– पीएसयू देश को विकास का कौन-सा नया मॉडल देंगे?

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में से एक चाौथाई कंपनियां किसी देश के सार्वजनिक क्षेत्र में आती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय पीएसयू खुद को अन्य देशों के पीएसयू से जोड़ें और विदेश में निवेश के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करें।

उन्होंने सुझाव दिया कि पीएसई के सीएसआर खर्च हर साल एक थीम पर केंद्रित हो। जैसे इस वर्ष सीएसआर खर्च का उपयोग स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए किया गया। इस वर्ष आकांक्षी जिलों का विकास एक अच्छी थीम हो सकती है। सीपीएसई कागज रहित कार्य संस्कृति, कैश लेस लेन-देन और कचरा प्रबंधन में आदर्श काम कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि सीपीएसई ‘नए भारत’ के सपने को साकार करने में अपनी ओर से भरपूर योगदान करेंगे।

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