कोरोना के बाद कोटा में हुई चौथी राष्ट्रीय धनिया सेमिनार-2021 में विभिन्न राज्यों से 500 प्रतिनिधी पहुंचे
न्यूजवेव @ कोटा
अखिल भारतीय ट्रेडर्स एवं खाद्य पदार्थ कन्वेसिंग एजेंट एसोसिएशन, कोटा द्वारा रविवार को हरियाली रिसोर्ट में चौथी राष्ट्रीय धनिया सेमिनार-2021 आयोजित की गई। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथी लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने कहा कि धनिये के उत्पादन एवं खपत दोनों में विश्व के अन्य देशों से आगे है। चूंकि भारतीय मसालों की क्वालिटी एवं वैरायटी सबसे बेहतर है, इसलिये भारतीय मसाले दुनियाभर में निर्यात हो रहे हैं। किसान, व्यवसायी, निर्यातक एवं वैज्ञानिक मिलकर इस बात का प्रयास करें कि भारत धनिया का प्रमुख निर्यातक केंद्र बन जाये।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश के सभी सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक कार्ययोजना बनाकर किसानों को नई तकनीक से जोडें जिससे उनकी आय बढाने में सफलता मिल सके। देश का किसान सशक्त व समृद्ध होगा तो हम आत्मनिर्भर भारत का परिकल्पना साकार कर सकेंगे।
राज्य में रकबा कम होना चिंताजनक
बिरला ने इस बात पर चिंता जताई कि राजस्थान में धनिये का रकबा कम होता जा रहा है। इसके लिये किसान, व्यापारी, कृषि वैज्ञानिक मिलकर कृृषि में नवाचार एवं नई तकनीक का उपयोग बढ़ाने के लिये प्रभावी कार्ययोजना बनायें। देश में वर्षों से परम्परागत खेती चली आ रही है, जिससे रकबा घटता जा रहा है। इसके लिये कृषि में नई वैज्ञानिक तकनीक एंव बीजों के अनुसंधान को गांवों के किसानों तक पहुंचायें। खेती को नये तरीके से करेंगे तो आमदनी भी दोगुना होगी।
वैज्ञानिक रिसर्च किसानों तक पहुंचाये
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में जलवायु, बिजली, पानी के संसाधन अलग-अलग है, हाडौती इस मामले में बहुत समृद्ध है, इसीलिये कोटा व रामगंजमंडी के धनिये की खुशबू देश-विदेश तक फैलती है। सांसद होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि क्षेत्र का किसान सक्षम एवं समृद्ध हो। इसके लिये कोटा कृषि विश्वविद्यालय व निजी विश्वविद्यालय के साथ व्यवसायी, निर्यातक एवं कृषि वैज्ञानिक मिलकर एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करें, जिसमें 5-5 विद्यार्थियों को एक साल के लिये किसानों के साथ जोड़ने का लक्ष्य हो। वैज्ञानिक रिसर्च कर बतायें कि किसानों को कब, कैसे और कौनसी पैदावार करना है। उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो जिससे कम भूमि में अधिक पैदावार हो सके।
गांवों में ‘कृषक मित्र’ बनाकर पलायन रोकें
उन्होने कहा कि हम गांवों में ‘कृषक मित्र’ तैयार करने की योजना बनायें। इससे गांवों के शिक्षित युवाओं का पलायन रूकेगा। ओम बिरला ने सुझाव दिया कि गांवों में छोटे-छोटे क्लस्टर बनाये जायें, उनमें शिक्षित युवा फूड प्रोसेसिंग यूनिटें लगायें। सरकारें भी इसमें मदद कर रही हैं। हाडौती में धनिये का रकबा कम होना चिंताजनक है। हम किसानों को जागरूक कर रकबा बढ़ाने का प्रयास करें।
खाद्य पदार्थ कन्वेसिंग एजेंट एसोसिएशन, कोटा के अध्यक्ष कैलाशचंद दलाल ने स्वागत भाषण में कहा कि कोरोना महामारी के बाद एशिया की सबसे बडी कृषि उपज मंडी कोटा में धनिया कारोबार का सूर्योदय हुआ है। देशभर के मसाला उत्पादक व निर्यातक इस सेमिनार में पहुंचे हैं। धनिये को परिष्कृत करने की तकनीक पर पैनल चर्चा करेंगे।
उत्पाद में वैल्यू एडिशन करें
धनिया निर्यातक पीसीके महेश्वरन ने कहा कि राजस्थान में धनिये का रकबा एक चौथाई रह गया है फिर भी कोटा इसका प्रमुख केंद्र है। हम वैल्यू एडिशन करके भविष्य में व्यापार की नीति में बदलाव कर सकते हैं। नई कृषि नीति से कॉपोरेट बिक्री केंद्र खुलेंगे जो गांवों तक हम भी अपने केंद्र खोलें। सेमिनार में एसोसिएशन के संरक्षक राधेश्याम विजयवर्गीय, अध्यक्ष कैलाशचंद दलाल, सदस्य शिवकुमार जैन, हेमंत जैन आदि ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अभिनंदन पत्र भेंटकर सम्मान किया।
ब्रॉकर महावीर गुप्ता ने बताया कि सेमिनार में दो अन्य सत्र में धनिया उत्पादन, प्रोसेसिंग, निर्यात, पूर्वानुमान, गुणवत्ता तथा विभिन्न राज्यों की धनिया पैदावार पर पैनल चर्चा की गई। राष्ट्रीय मंच पर इकट्ठा हुये 10 से अधिक राज्यों के धनिया व्यवसायियों ने अपने उपयोगी सुझाव दिये।