न्यूजवेव @ कोटा
क्षेत्रीय रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य हनुमान शर्मा ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर मांग की कि वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में रियायत पुनः चालू की जाए।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में रियायत मिलती थी जो 31 मार्च 2020 से बंद कर दी गई जब कुछ ट्रेन प्रारंभ की तो कहा गया कि हमने शून्य लगाकर ट्रेन को स्पेशल सुपरफास्ट बना दिया है, जबकि ज्यादा किराया वसूला।
वरिष्ठ नागरिकों की रियायत बंद करने का कारण यह है कि कोरोना काल मे रेलवे को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाए। यह देश के देश के वृद्धजनों का भारी अपमान है। ढेर सारी जगह है जहा रुपया लुटाया जा रहा है। आपने ट्रेन के नम्बर के आगे शून्य लगाकर टिकट में भारी बढ़ोतरी की जो अभी तक चल रही है।
सांसदों की अनगिनित रियायत सहित रेलवे में फर्स्ट एसी में निशुल्क यात्रा बन्द की जाए। उनके साथ पत्नी या एक सहयोगी भी निशुल्क यात्रा करते है। सांसदों की ऐसी विलासितापूर्ण रियायत बंद की जाये।
शर्मा ने कहा कि रेलवे के उच्च अधिकारी रेलवे सेलून लेकर आये दिन आते जाते है। रेलवे सेलून डीआरएम, जीएम ओर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और रेल मंत्री के पास है। इस रेलवे सेलून का एक दिन एक रात का किराया दो लाख रुपया है अच्छा होता इसे बंद करते। ऐसी कई व्यवस्था है लेकिन वरिष्ठ नागरिको को मिलने वाली रियायत से क्या रेलवे की हानि पूरी हो जायेगी?
वरिष्ठ नागरिक जब वृद्ध हो जाता है तो असहाय हो जाता है, हर तरह से दया का पात्र होता है, चाहे गरीब हो या अमीर हो। ऐसे में रेल मंत्रालय को चाहिए कि पूर्व में मिलने वाली यह रियायत पुनः चालू करे।