झालावाड़ जिले के मोलक्याकलां के किसान के लिए नवाचार बना सिरदर्द
न्यूजवेव, झालावाड़
झालावाड़ जिले में बकानी पंचायत के मोलक्या कलां गांव में किसान बापूलाल ने अपने खेत में कश्मीर की वादियों में उगने वाली बहुमूल्य केसर की खेती करने का नया प्रयोग किया। ज्यादा मुनाफा कमाने की सोच से यही फसल उसके लिए सिर दर्द बन गई।
किसान बापूलाल पुत्र रामचन्द लोधा ने बताया कि मध्यप्रदेश की नीमच से वह केसर का बीज लेकर आया था। इसीलिए एक बीघा लहुसन की फसल में डोलियों पर उसने केसर की फसल लगाई। समय-समय पर रासायनिक दवाइयां देकर कड़ी मेहनत कर शानदार फसल तैयार की। पूरे खेत में केसर के फूल दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उसकी पीडा यह है कि अब फसल खरीदने वाला कोई नहीं मिल रहा। अभी केसर के फूल की पत्तियां कट्टे में भर कर घर में रखना पड़ रहा है।
नवाचार से हुआ नुकसान

किसान बापूलाल ने बताया कि केसर की फसल में रासायनिक खाद सहित लगभग 10 हजार रुपए का खर्चा आया। लहसुन की फसल में 7 हजार रुपए खर्च हुए, लेकिन केसर के पौधों की छाया होने से लहसुन की फसल भी नहीं हो पाई, यदि वह पूरे खेत में केवल लहसुन की फसल की लगा तो वर्तमान भाव से उसे लगभग 30 हजार रुपए का मुनाफा होता। अन्य ग्रामीणों ने बताया कि वे भी बापूलाल की तरह सोच रहे थे, की अगले साल केसर की खेती करेंगे, लेकिन इसे खरीदने वाला कोई नहीं है तो हम लोग भी पीछे हट गए।
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