न्यूजवेव@ कोटा
परम पूज्य आचार्य 108 श्री विभव सागर महाराज ने कहा कि जिस तरह तपने के बाद मिट्टी कुम्हार के हाथों मटकी का रूप ले लेती है। फिर उसको सिर पर उठाया जाता है। उसी तरह तप के माध्यम से ही कर्मो के बन्धन कट जाते है। तप से ही मुक्ति अर्थात मोक्ष मिलता है। तप के बिना जीवन का पतन हो जाता है।
विशाल धर्मसभा में महाराज ने कहा कि आत्मीय सुख शाश्वत है अमर है परंतु इन्द्रिय सुख क्षणिक व नाशवान है। हमें मनुष्य जीवन चिंतामणि रत्न की तरह मिला है। इसके एक-एक पल का सदुपयोग करे। तन मिला है तुम तप करो। कर्म का नाश रवि शशि से तेज है तुममें दिव्य प्रकाश अर्थात् प्रत्येक आत्मा में दिव्य प्रकाश है। उस प्रकाश को प्रकट करने की जरूरत मात्र है। मनुष्य जीवन तो शास्वत निधि का धाम है। धर्मसभा के प्रारभ में मंगलाचरण पाठ हुआ। संचालन प.दिनेश जैन एवं पारस जैन पार्श्वमणि ने किया। मंदिर समिति के अध्यक्ष जिनेद्र जैन बरमूडा, महामंत्री राजेश जैन खटोड़ व कोषाध्यक्ष सूरजमल जैन ने बताया कि धर्मसभा में मंगल दीप प्रज्जवलन, पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट की मांगलिकभेंट क्रियायें की गई।
प्रचार मंत्री पारस जैन पार्श्वमणि ने बताया कि धर्मसभा में सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष विमल जैन नन्ता, कार्याध्यक्ष जेके जैन, कोषाध्यक्ष प्रकाश जैन, सुरेश जैन चाँदवाड, वर्धमान जैन, ताराचंद बड़ला माणकचंद जैन, चंद्रेश जैन, रूपचंद जैन, ललित जैन, पवन पाटौदी, संजीव जैन, अरिहंत, अंकित जैन, प्रमिला जैन, अमोलक चंद जैन सहित तलवंडी, महावीर नगर विस्तार योजना, रिद्धि सिद्धि नगर के समाजबंधु उपस्थित रहेे। सभी श्रद्धालुओं ने श्रीफल भेंट कर मंगल आशीर्वाद लिया। निवाई जैन समाज के सत्यनारायण जैन सहित श्रावक श्रेष्ठी जन ने श्रीफल चातुर्मास के लिए भेंट किया। परम पूज्य आचार्य 108 विभव सागर महाराज ससंघ का मंगल विहार तलवंडी स्थित जैन मंदिर के लिए हुआ।