-हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं, उस पर अनंत चल चुके हैं, यह भाव विनयशील बनाएगा
न्यूजवेव @ कोटा/खानपुर
जीवन मे अच्छी वस्तु मिल जाए तो उसे जल्दी लेने का भाव मत करो, शोध करने के बाद भी वैज्ञानिक बनने की चेष्टा मत करों, पहले पता करो कि इस मार्ग पर पहले कोन चला, इस वस्तु को किसने ग्रहण किया और इस शोध से पहले किसी ने तो इस पर शोध नहीं किया, जल्दी लेने का भाव नहीं करना चाहिए। अपने से आगे चलने वाले, अपने गुरू, अपने बडों का विनय करना चाहिए। ये बात शनिवार को चद्रोदय तीर्थ क्षेत्र चांदखेडी जैन मंदिर खानपुर में चल रहे प्रवचन में मुनि पुंगव सुधासागर जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि जीवन में व्यापार में, धर्म में, घर में गुरू बनाना चाहिए। हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं, उस पर अनंत चल चुके हैं। सुधा सागर जी महाराज ने आगे, पीछे और मध्य में रहने का अर्थ समझाया और अपने से बडों का मान करना और अपने छोटों का सम्मान करना उनकी मदद का भाव रखने की बात कही। प्रथमान युग पढ़ने से मान, कषाय, नष्ट हो जाते हैं, इसे पढ़ने वाला कभी मांग कर ही नहीं सकता। उन्होंने कहा बिना दोष निकाले गुण प्रकट नहीं हो सकते, जो हम कर रहे हैं, जो में बोल रहा हूं सब बोल चुके हैं, इसलिए अभिमान नहीं करना चाहिए, प्रथम रहने का भाव कभी नहीं करना चाहिए।
संत की संगत से संतोषी अवश्य बनेगे
सुधा सागर जी महाराज ने कहा कि हमे अभिषेक के लिए सुबह जाना चाहिए, जो अभिषेक करेगा उसकी बुराई कम होती चली जाएंगी, संत की संगत से संत बनो ना बनो पर संतोषी जरूर बन जाओगें। उन्होंने कहा वृद्ध हमे कुछ नहीं देते लेकिन वह हमारी जवानी उतार देंगे क्योकि वही वृद्धावस्था हमारा भविष्य है। बडे हमारे अंदर के अंधकार को निकाल देते हैं। ठोकर से मत मार पथिक मुझ पर भी कभी जवानी थी, के भाव को प्रतिपादित कर हर व्यक्ति को उसका वर्तमान और भविष्य से अवगत कराया। उन्होंने बडों की विनय करना छोटों की मदद करना बताया, इसके साथ ही पांच पांडवों की कथा से आज्ञा पालन का महत्व बताया।
चांदखेडी मंदिर के अध्यक्ष हुकम जैन काका ने बताया कि प्रवचन में प्रतिदिन धर्म का उदय, पापों का नाश और सदकर्म के मार्ग पर लोगों को चलने का सहज सरल वर्णन किया जा रहा है। कमेटी के महामंत्री नरेश जैन वैद, कोषाध्यक्ष गोपाल जैन, अजय बाकलीवाल, एडवोकेट महावीर जैन, प्रशांत जैन, कैलाश जैन भाल नितेश जैन मट्टू महावीर जैन कालू का आयोजन की सफलता के लिए विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। मुनि श्री के संघ में मुनि महासागर महाराज, मुनि निष्कंप सागर महाराज, क्षुल्लक गंभीर सागर और धैर्य सागर महाराज चांदखेडी में विराजमान है।