विराट श्रीमद भागवत कथा महोत्सव में 108 गांवों से सुनेल पहुंचेंगे हजारों श्रद्धालु।
न्यूजवेव @ सुनेल/कोटा
झालावाड़ जिले में अहिल्या नगरी सुनेल में 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक विराट श्रीमद भागवत कथा महोत्सव होगा, जिसमे प्रतिदिन 12 से 3 बजे तक सरस्वती के वरदपुत्र एवं गौसेवक संत पूज्यश्री कमल किशोर जी नागर के ओजस्वी प्रवचन सुनने के लिए हजारों गोभक्त पहुंचेंगे।
कथा आयोजन समिति के प्रवक्ता ने बताया कि सुनेल में पहली बार हो रही इस विराट कथा को लेकर नगरवासियों में दीवाली पर्व जैसा उल्लास है। सुनेल के 400 वर्ष पुराने श्रीराम मंदिर, कृष्ण मंदिर, खेड़ापति बालाजी मन्दिर, त्रयम्बकेश्वर महादेव सहित स्थलों पर विशेष सजावट की जाएगी, जहां बाहर से आने श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचेंगे।
सुनेल-पाटन बाईपास रोड पर 50 बीघा कृषि भूमि में विहंगम कथा स्थल ‘नंदग्राम’ बनाया गया है, जिसमे 1.80 लाख वर्गफीट क्षेत्रफल में विशाल पांडाल तैयार किया जा रहा है। इस पांडाल में रोजाना 40 हजार से अधिक महिलाओं एवं पुरुषों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। इसी स्थल पर भोजनशाला व पेयजल व्यवस्था की गई है।
कथा स्थल के आसपास 30 बीघा भूमि में तीन पार्किंग स्थल बनाये गए हैं, जहां भवानीमंडी, पिड़ावा व झालरापाटन रोड से आने वाले दुपहिया व चारपहिया वाहनों की अलग-अलग पार्किंग की जाएगी। हाडौती अंचल में हो रही इस कथा में संत प. कमल किशोर ‘नागरजी’ को सुनने के लिए कोटा, बारां, झालावाड़, चित्तौड़, जिलों से बड़ी संख्या में भक्त ट्रेन, बसों व निजी वाहनों से सुनेल पहुंचेंगे।
सुनेल में तीर्थस्थल जैसा वातावरण
आयोजक राधेश्याम हेमलता गुप्ता ने बताया कि 28 नवम्बर को प्रातः 8 बजे नगर में विशाल श्रीमद भागवत कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमे 1000 से अधिक महिलाएं चुनरी व धवल वस्त्रों में सैकड़ों युवा एवं पुरुष शामिल होंगे। सुनेल में कथा के दौरान तीर्थस्थल जैसा पवित्र वातावरण दिखाई देगा।
नागरिकों ने बताया कि एक सप्ताह से दूर-दूर से परिचितों व रिश्तेदारों के फोन आने लगे हैं। प्रत्येक घर मे अतिथियों को ठहराने की व्यस्थाएँ की जा रही है। यहां की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से जुड़े युवा कथा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। गाँव-गांव पीले चांवल देकर कथा का न्यौता दिया जा रहा है।
सादगी की प्रतिमूर्ति ‘नागरजी’
खास बात यह कि बाहर से आकर कथा स्थल पर ठहरने वाले 2 से 3 हजार ग्रामीण भक्त रोजाना रात्रि में सामूहिक भजन-संकीर्तन करेंगे। नर्मदा नदी किनारे तप, तपस्या, ध्यान और गोसेवा को समर्पित पूज्य संत कमल किशोर ‘नागरजी’ स्वयं कथास्थल पर टेंट में बनाई गई कुटिया में आवास करेंगे एवं भक्तों के साथ साधना करेंगे। सादगी की प्रतिमूर्ति ‘नागरजी’ स्वयं शिष्य भाव मे रहते हैं।