Wednesday, 24 April, 2024

विकास की मेरिट में नंबर-1 कोटा

एजुकेशन हब

-12 लाख वर्तमान आबादी (10 लाख जनसंख्या 2011 के अनुसार)।
-1.70 लाख कोचिंग स्टूडेंट
-40 प्रतिशत सीटों पर कोटा कोचिंग स्टूडेंट। 16 आईआईटी की 9885 एवं -30 एनआईटी की 15485 सहित कुल 25,370 सीटें।
-2000 से ज्यादा सर्वश्रेष्ठ अनुभवी फैकल्टी टीम, 450 से अधिक आईआईटीयन। 50,000 स्टूडेंटस आईआईटी में, 1 लाख एनआईटी व इंजीनियरिंग कॉलेजों में चयनित।
-70,000 से अधिक स्टूडेंटस को मेडिकल कॉलेजों में दाखिला। इसमें 40 प्रतिशत से अधिक गर्ल्स। एम्स में 1100 से अधिक स्टूडेंटस कोटा से।
-25 तरह के टेस्ट और 2000 से ज्यादा सवाल हल करता है प्रत्येक स्टूडेंट।

एजुकेशन सिटी में इस वर्ष 1 लाख 70 हजार से अधिक बाहरी विद्यार्थियों के आने का अनुमान है। युवा शक्ति, ज्ञान शक्ति और उर्जा शक्ति से शैक्षणिक विकास के हाईवे पर चमकेगा हमारा शहर। कोटा की इकोनॉमी में भी हो रहा है नया आगाज।

कोटा। राज्य का तीसरा बडा शहर तीन दशक की विकास यात्रा में अपने ही बलबूते पर तरक्की कर रहा है। एजुकेशन सिटी की चारों दिशाओं में अब विकास की नई राहें खुल रही हैं। यहां की सरजमीं मानो मेहनतकश युवाओं के लिए ग्रीन पिच बन गई है। देश के 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिवर्ष हजारों स्टूडेंट इसे ‘गेट वे ऑफ सक्सेस’ मानते हैं। अपने और पेरेंट्स के सपने सच करने के लिए वे यहां आकर दिन-रात कड़ी मेहनत करते हुए अनगिनत सवालों को हल करने में जुट जाते हैं।

 

रोज सुबह या शाम कंधे पर बैग लटकाए पैदल या साइकिल से क्लास में पहुंच कर वे फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी से जुडे़ चक्र्रव्यूह को भेदने का प्रयास करते हैं। सच तो यह है कि इसे नॉलेज सिटी या स्मार्ट सिटी बनाने में नागरिक व शिक्षक मिलकर दूरगामी सोच के साथ अथक परिश्रम कर रहे हैं। देश में बडे शहरों के मुकाबले यहां आबादी भले ही कम हो लेकिन विकास के हौसले कई गुना बडे़ हैं। तीन दशक में यहां से शिक्षा लेकर निकले युवाओं ने सफलता के नए कीर्तिमान रचे हैं। यही कारण है कि शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होते ही शहर में उत्सवी वातावरण देखने को मिलता है।

तेजी से उभरता युवा शहर
एक सर्वे के अनुसार, 12 लाख की आबादी वाले इस बी-1 शहर में स्कूल से कॉलेज स्तर तक 2 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 4 गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी, 1 प्राइवेट और 2 प्रस्तावित यूनिवर्सिटी, 1 ट्रिपल आईटी, 11 इंजीनियरिंग कॉलेज, 1 मेडिकल कॉलेज, 12 से अधिक बीएड लॉ, नर्सिंग व एमबीए कॉलेजों ने यहां उच्च शिक्षा के द्वार खोल दिए। आईआईटी, इंजीनियरिंग मेडिकल के अतिरिक्त सीए, सीएस, क्लेट, कैट, एमबीए व एमसीए आदि के साथ सिविल सर्विसेस के लिए भी स्टूडेंट्स उत्साह से तैयारी कर रहे हैं। यहां सभी प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के सेंटर भी खोल दिए गए हैं।
देश में यह सबसे अलग इंडस्ट्री
1985 में कुछ बच्चों को टयूशन पढ़ाने से हुई शुरूआत ने कोचिंग को एक नेशनल इंडस्ट्री के रूप में खड़ा कर दिखाया। सही उम्र में अच्छी कोचिंग मिल जाने से हजारों औसत बच्चे भी कॅरिअर के सपने सच करने में सफल रहे। इसी इंडस्ट्री ने शहर में हॉस्टल, मैस, टिफिन सेंटर, स्टेशनरी जैसे कई सह-उद्योग भी खडे कर दिए हैं। मैन्यूफेक्चरिंग उद्योगों से कहीं अधिक लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। इससे पूरे शहर की इकोनॉमी अन्य शहरों से काफी मजबूत है।

स्कूली पढ़ाई के साथ जब हजारों बच्चों को यहां क्लासरूम में ही राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा देखने को मिली तो इंजीनियरिंग तथा मेडिकल में सबसे कठिन समझी जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं आईआईटी-जेईई मेन एवं एडवांस्ड, एम्स, एआईपीएमटी की ऑल इंडिया मेरिट में शीर्ष रैंक पर कोटा के कोचिंग विद्यार्थी छाए हुए हैं। यही वजह है कि केरल से कश्मीर तक सभी प्रदेशों के हजारों अभिभावकों को अन्य शहरों की तुलना में कोटा शांत और राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा वाला दिखता है। उनकी विश्वास इस शहर के विकास को नई उंचाईयां दे रहा है।

नए सत्र में जबर्दस्त उत्साह

एजुकेशन हब कोटा में नया शैक्षणिक सत्र उत्साह से प्रारंभ हुआ है। संचालकों के अनुसार, 2017 में कोटा के सर्वश्रेष्ठ रिजल्ट को देखते हुए नए सत्र 2018-19 में बाहर से आने वाले विद्यार्थियों की संख्या 35 से 40 प्रतिशत तक बढे़गी। ग्रोथ स्तर को देखते हुए इस साल हम शैक्षणिक विकास के शिखर को छू सकते है। अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी यहां आने से कई स्कूलों में भी नए सेक्शन खोलने की तैयारी की जा रही है।

 

राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का रनवे कोटा में
शिक्षा नगरी के 10 प्रमुख कोचिंग संस्थानों में 2017-18 में 1 लाख 50 हजार कोचिंग विद्यार्थी आईआईटी-जेईई, इंजीनियरिंग, एम्स, एआईपीएमटी, सीए, सीएस, आरपीएससी एवं बैंकिंग प्रवेश परीक्षाओं की क्लासरूम कोचिंग ले रहे हैं। 2018-19 सत्र में कोचिंग स्टूडेंटस की संख्या बढकर 1.80 लाख से अधिक हो जाएगी। नए सत्र में स्टूडेंट बढ़ने से कई क्षेत्रों में रेजीडेंशियल हॉस्टल, पीजी रूम एवं मैस सहित नए मार्केट भी विकसित हो रहे हैं। हॉस्टल सुविधा भी ऑनलाइन हो जाने से एडवांस बुकिंग भी चल रही है।
बाहर से आ रहे अभिभावकों का कहना है कि बच्चे क्लास-6 से ही यहां इसलिए आ रहे हैं क्योंकि उनके यहां बच्चों को स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल रही है, जबकि बच्चे बडे़ होकर मनपसंद कॅरिअर में कामयाब होना चाहते हैं। यहां आकर उन्हें रूचि और क्षमता के अनुसार एक्सपोजर मिल रहा है। अकेले जम्मू-कश्मीर से 450 से अधिक छात्र-छात्राएं यहां आईआईटीयन या डॉक्टर

 

बनने के लिए कोचिंग ले रहे हैं।
सर्वाधिक सवालों की धरती 
कोचिंग छात्रों के अनुसार, हमें यहां घर से दूर शांत शैक्षणिक वातावरण और नेशनल काम्पटिशन का रनवे मिलता है, यहां हम उत्साह के साथ मेहनत करते हुए भविष्य की उड़ान भरने के लिए जुट जाते हैं। प्रत्येक छात्र 2 हजार से अधिक सवाल हल करता है। सफलता की इस धरती पर कोई करिश्मा नहीं दिखता। आर्थिक रूप से औसत परिवार के बच्चे भी यहां लगन के साथ कड़ी मेहनत कर अच्छी रैंक हासिल कर रहे हैं। क्लासरूम कोचिंग लेतेे हुए विद्यार्थियों के ऐसे ग्रुप बन जाते हैं, जो भले ही अलग-अलग शहर, भाषा या संस्कृति से हों लेकिन लक्ष्य के लिए एकजुट होकर साथ पढते हैं। फिजिक्स, केमिस्टी, मैथ्स या बायोलॉजी पढ़ते हुए डाउट्स दूर करने के लिए वे फैकल्टी से मिलकर टॉपिक पर खुलकर सवाल-जवाब करते हैं।
विकास की चार राहें- 2 बैराज- 2 चंबल पुलिया

चंबल नदी पार क्षेत्र में अब विकास की दोहरी पुलिया और ब्रिज तैयार हो रहे हैं। नगरीय विकास में अब तक उपेक्षित रहे इस क्षेत्र के 2 लाख लोगों को उम्मीदें जाग उठी हैं। चंबल पुलिया के दोहरीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। राज्य के बजट मंे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कोटा बैराज के दूसरे पुल के निर्माण के लिए 85 करोड़ रूपए मंजूर कर कोटा के विकास को बडी सौगात दी है। कोटा थर्मल, इंटेकवैल, सेंड स्टोन जैसी इकाइयों के बाद अब यहां शैक्षणिक विकास की राह भी सुगम हो जाएगी। अप्रैल से ही बाहर के विद्यार्थियों के इस क्षेत्र मंे आने से यहां उनके लिए रेजीडेंशियल हॉस्टल, पेइंग गेस्ट मकान, मैस, टिफिन सेंटर्स, रेस्तरां, जूस, प्रोविजन स्टोर्स, गारमेंट्स, स्टेशनरी, मोबाइल, साइकिल, ऑटोरिक्शा, वैन, सब्जी व फल, जेरोक्स सहित आम जरूरत के कई क्षेत्रों से जुडे मार्केट विकसित होंगे। साथ ही लगभग 2000 कामगरों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। कॉलोनियों में निर्माण कार्य शुरू होने से यहां अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।
विकास की मेरिट में चमकेगा कोटा
एलेन के संस्थापक निदेशक श्री राजेश माहेश्वरी ने बताया कि संस्थान ने कोटा के चारों कोने में ‘संस्कारों से सफलता’ की रोशनी फैलाकर नागरिकों के चेहरों पर खुशहाली देखने का संकल्प किया है। विजन- 2020 में शहर में 2 लाख बच्चों को पढ़ाने का लक्ष्य लेकर येाजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे है। कुन्हाड़ी में सम्यक एवं एक अन्य कैंपस में कुल 35 हजार विद्यार्थियों के लिए क्लासरूम व्यवस्था रखी गई है। यह शहर विकास की मेरिट में भी अव्वल रहेगा।

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