Monday, 29 May, 2023

अर्जुन से सीखें हर चीज पर ध्यान केंद्रित करना

इस्कॉन कोटा व ज्ञानद्वार शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित कल्चरल शिविर में बच्चों ने सीखे रचनात्मक हुनर
न्यूजवेव @ कोटा
इस्कॉन कोटा व कोटा ज्ञानद्वार शिक्षा संस्थान द्वारा भारत विकास परिषद महावीर शाखा के सहयोग से दिशा डेल्फी पब्लिक स्कूल परिसर में बच्चों का कल्चरल शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में प्रभु मायापुर वासी दास ने बताया कि प्रतिदिन बच्चों के बीच रहकर कोटा के गणमान्य नागरिकों का आशीर्वाद मिला।
आईएसटीडी कोटा चेप्टर अध्यक्ष अशोक सक्सेना, श्रीमती सुजाता ताथेड़, भारत विकास परिषद महावीर शाखा के किशन पाठक, शोक वशिष्ट, विजय सिंह, दिशा डेल्फी पब्लिक स्कूल के व्यवस्थापक पुरुषोत्तम शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुरुआत की।


कोटा ज्ञानद्वार की संस्थापक अनिता चौहान ने बताया कि शिविर में सहयोगी भारत विकास परिषद् कोटा के पदाधिकारियों ने बच्चो को मोटिवेट किया। शिविर में बच्चों ने कथक, ड्राइंग, डांस, ड्रामा, श्लोक स्मरण, आर्ट ऑफ गिविंग आदि रोचक गतिविधियों में उत्साह से भाग लिया। शुरुआत ईश्वरीय प्रार्थना और योग से हुई।
आर्ट ऑफ गिविंग से दूसरों की मदद करना सिखाया


ज्ञानद्वार की डॉ स्मृति भटनागर ने आर्ट ऑफ गिविंग पर व्याख्यान देते हुये बच्चों को घर पर रखी एक्स्ट्रा चीजों को जरूरतमंद बच्चों और उनके परिवार में बांटने के लिये प्रेरित किया। सभी बच्चों ने अपनी एक्टिविटी को वीडियो बनाकर शेयर किया। सर्वश्रेष्ठ तीन को 19 जून को होने वाले फाइनल डे पर सम्मानित किया जाएगा। ज्ञानद्वार के मोटिवेशनल स्पीकर कृष्ण मोहन टंडन ने गणेश भगवान के प्रत्येक अंग एवं कार्यों को बताते हुये उन्हें अपने जीवन में अपनाने को कहा।
वैदिक गणित में 11 से 15 वर्ष के आयुवर्ग में बच्चों ने तेजी से गणना करना सीखा। शिल्प गतिविधि में मिट्टी के दीपक बनाना सिखाया। बच्चों ने मिट्टी के दीपक बनाकर रंगों से उन्हें सुंदर बनाया। कनिष्क अरोड़ा और सुधा पटेल द्वारा बच्चों को कथक नृत्य सिखाया गया।
सभी बच्चों ने छोटे कृष्ण को अपलक देखने का आनंद लिया। बच्चों को आलू बड़ा, दोपहर का भोजन और जूस परोसा गया। राकेश सैनी सर ने बच्चांे को आत्मरक्षा तकनीक सिखाई। आयु वर्ग 6 से 10 वर्ष के बच्चों ने बेहद सुंदर स्केचिंग और पेंटिंग कर सबका मन मोह लिया। अर्जुन पर कहानी कथन में ध्यान, फोकस, दिनचर्या की अच्छी आदतें सिखाई गई। सभी बच्चों को यह कल्चरल शिविर लीक से हटकर रूचिकर लगा।

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