** एक केस में कैंडिडेट बदला हुआ था, वहीं 9 अनुचित साधनों के प्रयोग के 9 मामले
** 50 लाख कैंडिडेट की परीक्षाओं के पारदर्शी आयोजन की तैयारी में एनटीए
न्यूजवेव @ कोटा.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने विभिन्न परीक्षाओं में होने वाली नकल व अनफेयर मीन्स (अनुचित साधनों के प्रयोग) को नियंत्रित करने के लिए बड़ी तैयारी कर ली है। एनटीए द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर नकल रोकने के लिए किए गए उपायों को जेईई-मेन अप्रैल सेशन में लागू कर दिया है और इसका असर परीक्षा के पहले दिन नजर भी आया।
जेईई-मेन अप्रैल सेशन की परीक्षाओं के पहले ही दिन एनटीए ने तकनीक की मदद लेते हुए नकल के 10 मामले पकड़ लिए। इसमें एक मामले में तो कैंडिडेट ही बदला हुआ पाया गया, वहीं 9 अन्य मामलों में अनुचित साधनों का प्रयोग सामने आया है। इस संबंध में एनटीए ने 4 अप्रैल की परीक्षा के बाद नोटिफिकेशन जारी कर सूचना दी। एनटीए के अनुसार इस वर्ष कैंडिडेट की पहचान एआई के माध्यम से की जा रही है। इसमें विद्यार्थी के प्रवेश पत्र के फोटो एवं परीक्षा केन्द्र पर खींचे गए फोटो को आई-फेस से मिलाकर देखा जा रहा है।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि एनटीए द्वारा जारी एक अन्य नोटिफिकेशन के अनुसार अब 50 लाख से अधिक विद्यार्थियों के पारदर्शी परीक्षा के आयोजन की तैयारी की जा रही है। एनटीए वर्तमान में देश की सबसे बड़ी मेडिकल व इंजीनियरिंग परीक्षा के साथ केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में होने वाली बड़ी प्रवेश परीक्षा सीयूईटी करवा रहा है। इसके साथ ही कई भर्ती परीक्षाएं भी एनटीए द्वारा आयोजित की जा रही है।
नोटिफिकेशन के अनुसार एनटीए मॉल प्रेक्टिस एवं किसी भी प्रकार की नकल को रोकने के लिए अपनाए गए मैकेनिज्म को इन सभी परीक्षाओं पर समान रूप लागू करने जा रहा है। एनटीए द्वारा इस वर्ष परीक्षाओं को पारदर्शिता के साथ सुचारू रूप से कराने के लिए मल्टीपल वैरिफिकेशन, बायोमेट्रिक, ई-केवाईसी, विद्यार्थियों की चैकिंग एवं विभिन्न एआई बेस्ड टूल्स का प्रयोग किया गया है। एनटीए द्वारा इसके लिए परीक्षा केन्द्रों पर फ्लाइंग स्क्वाड तक भेजे गए हैं। परीक्षा पर नियंत्रण करने के लिए एआई बेस्ड कंट्रोल रूम तक बनाए गए हैं।
एनटीए ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा देते समय के डाटा को एनालिसिस किया जा रहा है। परीक्षा के दौरान विद्यार्थी की हर एक्टिविटी को सीसीटीवी एवं एआई टूल्स के माध्यम से रिकॉर्ड किया जा रहा है। ऐसे विद्यार्थी जिनके व्यवहार में परीक्षा के दौरान किसी भी तरह का संशय पाया जाता है तो परीक्षा के उपरान्त उनके लॉग को अध्ययन किया जाएगा, इसके बाद यदि विद्यार्थी नकल करने या अनुचित साधनों के उपयोग करने का दोषी साबित होता है तो नियमानुसार पब्लिक मॉल प्रैक्टिस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। विद्यार्थी इस वर्ष और आने वाले वर्ष के लिए परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही इस मामले को आपराधिक मानते हुए भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस वर्ष पहली बार परीक्षा के दौरान बायो ब्रेक में जाने-आने पर भी बायोमेट्रिक जांच की जा रही है।
जेईई-मेन परीक्षा 12 अप्रैल तक होंगी। अप्रैल परीक्षा के लिए जनवरी के मुकाबले आवेदन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 12 लाख 57 हजार है। इसका रिजल्ट 20 अप्रैल तक जारी होने की संभावना है।