एतिहासिक फैसला : कमजोर आय वर्ग (EWS) श्रेणी को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने मेडिकल एजुकेशन में आरक्षण को लेकर एतिहासिक फैसला किया है। इस फैसले के अनुसार, इस वर्ष एमबीबीएस, डेंटल तथा पीजी कोर्सेस में एडमिशन के लिये ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देय होगा। जबकि कमजोर आय वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा। सरकार के इस बडे निर्णय से प्रतिवर्ष एमबीबीएस में 1500 ओबीसी छात्रों और पीजी में 2500 ओबीसी छात्रों को फायदा मिलेगा। जबकि ईडब्ल्यूएस वर्ग में 550 छात्रों और पीजी में लगभग 1000 छात्रों को लाभ होगा.
ऑल इंडिया कोटा (AIQ)
मेडिकल में वर्ष 2007 तक ऑल इंडिया कोटा योजना में कोई आरक्षण नहीं था। 2007 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ऑल इंडिया कोटा में 15 प्रतिशत और एसटी वर्ग के लिये 7.5 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय दिया। 2007 में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम प्रभावी हुआ, तो ओबीसी को एक समान 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया। इसे सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में लागू किया गया था। हालांकि इसे राज्यों के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की एआईक्यू सीटों तक नहीं बढ़ाया गया था। इस आरक्षण से एमबीबीएस में ओबीसी वर्ग के लगभग 1500 और पीजी में 2500 छात्र लाभान्वित होंगे।
EWS श्रेणी के लिये 10 प्रतिशत सीटें बढी
उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिये 2019 में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों के लिए एक संवैधानिक संशोधन किया गया, जिसने इस श्रेणी के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। इस अतिरिक्त 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण को समायोजित करने के लिए 2019-20 और 2020-21 में मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की सीटों में दो साल की वृद्धि की गई ताकि अनारक्षित श्रेणी के लिए उपलब्ध सीटों की कुल संख्या कम न हो। हालांकि ऑल इंडिया कोटा की सीटों पर यह लाभ अभी तक नहीं बढ़ाया गया था।
6 वर्ष में MBBS की 30 हजार सीटें बढ़ी
पिछले 6 वर्षों में देश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें 2014 में 54,348 थी जो 2020 में बढकर 84,649 सीटों तक हो चुकी हैं। इसी तरह, 2014 में पीजी की सीटें 30,191 थी, जो 2020 में बढकर 54,275 तक पहुंच गई है। इस दौरान देश में 179 नए मेडिकल कॉलेज भी खोले गये हैं। आज देश में कुल 558 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 289 सरकारी एवं 269 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं।
नीट परीक्षा से पहले OBC को 27 % आरक्षण देने का फैसला
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