आत्मनिर्भर परिवार पर नेशनल वेबिनार: महामारी से जीतने के लिये स्व-मूल्यांकन से मन की रिदम पहचानें
न्यूजवेव @ कोटा
‘जब भी कोई तूफान आता है, पेडों की जडें हिल जाती हैं लेकिन मजबूत पेड़ टिके रहते हैं। इसी तरह कोरोना महामारी में आत्मबल इतना मजबूत रखें कि वायरस आसपास से निकल जाये।’ ‘ग्रीन टी विद आभाजीत’ द्वारा ‘आत्मनिर्भर परिवार’ पर नेशनल वेबिनार में ‘CeeKr’ स्टार्टअप की को-फाउंडर श्रीमती शिवानी मोदी ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि चुनौतियां हर घड़ी हमारी परीक्षा लेती है, उसमें हमें नये अवसर ढूंढने होंगे। महामारी के बाद मानसिक अवसाद से बाहर निकलें और खुद को हौसला दें। जिनका एक जॉब या कारोबार छूट गया, वे तुरंत दूसरे काम में व्यस्त हो गये। जिंदगी में उतार-चढावों के दौरान सबका अपना एक संघर्ष होता है।
उन्होंने कहा कि लोग विचारों से भटककर सोचते कुछ और हैं, करते कुछ और हैं। हमारे अंतःकरण में क्या चल रहा है, यह जानने के लिये कोई मेडिकल जांच नहीं होती। हम भारतीय संस्कृति में वेद, योग, उपनिषद पर आधारित एल्गोरिद्म से यह जान सकते हैं कि इस समय में मन में क्या चल रहा है। उन्होने योग सूत्र पर निरंतर अनुसंधान करते हुये योगी मीटर (Yogi Meter) विकसित किया है जो हमारी स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करता है।
मन कितना प्रतिशत आपके साथ है
एक सवाल के जवाब में शिवानी मोदी ने कहा कि पैसा कमाते हुये हम अपने ही शरीर को भूल जाते हैं। जिसकी कीमत हमें चुकानी पड जाती है। महामारी के दौरान इसका विशेष ध्यान रखें। एकांत में मन को समझें और विचारों को सही दिशा देने का प्रयास करें। योगी मीटर में कुछ प्रश्नों के उत्तर देकर आप समझ सकते हैं कि मन कितना प्रतिशत मेरे साथ है। यह मन में उपजी जिज्ञासाओं को शांत करने की फिलॉसफी है।
उन्होंने कहा कि शरीर में नाड़ी जांच से पता चलता है कि हमे कौनसी बीमारी है लेकिन मन में क्या रिदम चल रहा है, उसे मापने की कोई डिवाइस नहीं है। योेगी मीटर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) पर आधारित ऐसा एल्गोरिदम है जो मन में चल रहे विचारों को दर्शाता है। चुनौतियों का सामना करने के लिये बाहर से अच्छाई को अंदर ले जायें। इससे आत्मबल कई गुना बढ़ जायेगा।
सेल्फ असेसमेंट टूल है योगी मीटर
स्टार्टअप ‘सी-कर’ (Ceekr) के माइंड मास्टर कोच जितेंद्र जैन ने बताया कि ‘योगी मीटर’ में मेंटल वेलनेस, माइंड मास्टरिंग स्केल, रिलेशनशिप, स्ट्रेस, इमोशन, इंटेलीजेंस एवं इफेक्ट जैसे मापंदडों से विचारों का वैज्ञानिक विश्लेषण कर एक रिपोर्ट तैयार होती है, जिससे व्यक्ति समझ पाता है कि उसे किस दिशा में आगे बढना चाहिये।