RVUNL को पारसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक (PEKB) से 1136 हैक्टेयर क्षेत्र में कोयला खनन की अनुमति मिली
न्यूजवेव @ जयपुर
प्रदेश के थर्मल बिजलीघरों को कोयला आपूर्ति में आये व्यवधान को लेकर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा किये गये उच्चस्तरीय प्रयास रंग लाये हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से श्री अशोक गहलोत की मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को पारसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण के तहत 1136 हैक्टेयर क्षेत्र में कोयला उत्खनन के लिये वन भूमि व्यपवर्तन की अनुमति दे दी है। जिससे अब राजस्थान के तापीय बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने शुक्रवार को रायपुर जाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी और राजस्थान को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिये राजस्थान राज्य उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक में माइनिंग करने की स्वीकृति शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया था।
मुख्यमंत्री की श्री बघेल से मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने प्रधान वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को समुचित कार्रवाही करने के लिये पत्र लिखा है।
राजस्थान को 20 कोल ब्लॉक आवंटित

गौरतलब है कि भारत सरकार ने राजस्थान को वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ के पारसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक (PEKB) में 15 एमटीपीए तथा पारसा में 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किये थे। पारसा ईस्ट कांटा बासन कोल ब्लॉक के प्रथम चरण में खनन इस माह में पूरा हो चुका है। ऐसे में राजस्थान के ताप बिजलीघरों को यहां से कोयला आपूर्ति नहीं होने से प्रदेश में बिजली संकट उत्पन्न होने की स्थिति बन गई थी। उसके बाद मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ सरकार से कोयला आपूर्ति जारी रखने के लिये सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया था।
News Wave Waves of News



