उमाशंकर मिश्र
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
दुनिया में सभी देशों ने नोवेल कोरोना वायरस पर अपने शोध प्रयास तेज कर दिये हैं। कोविड-19 पर रिसर्च और रोगियों से जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण पर साझा काम करने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB), नईदिल्ली और IIT एलुमनी काउंसिल के बीच एक नये करार की घोषणा की गई है। CSIR-IGIB और IIT एलुमनी काउंसिल की यह संयुक्त पहल कोविड-19 महामारी से लड़ने पर केंद्रित है। यह बायोडायवर्सिटी सिस्टम बहुउद्देशीय विशेषज्ञता के साथ एक स्वदेशी वैल्यू-चेन को मजबूत करेगा, जिसमें डिजिटल हेल्थ, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, न्यूक्लियर सॉल्यूशन, नेक्स्ट जेन अनुक्रमण, एंटीबॉडी हार्वेस्टिंग और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के उत्पादन से जुड़े विषय शामिल होंगे।
8500 कोरोना रोगियों के डेटा पर होगा रिसर्च
याद दिला दें कि IIT एलुमनी काउंसिल देश के 23 IIT संस्थानों के पूर्व छात्रों की एक स्वायत्त वैश्विक संस्था है। इस समझौते के तहत काउंसिल ने मुंबई के 8500 मरीजों के इमेजिंग डेटा का पहला सेट CSIR-IGIB को सौंप दिया है। मरीजों की पहचान उजागर किए बिना जल्दी ही इस डेटा को शोध को बढ़ावा देने के लिए CSIR-IGIB भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा सार्वजनिक रूप से ओपन डेटा प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत किया जाएगा। देश में एडवांस टेस्टिंग और ट्रीटमेंट मैथेडोलॉजी बनाने के साथ वैश्विक डेटा लीडरशिप स्थापित करने के लिए दोनों पक्ष इस करार को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं।
IIT एलुमनी काउंसिल के अध्यक्ष रवि शर्मा ने कहा कि यह पहल दुनियाभर के वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स के लिए ओपन डेटा तक पहुँच को आसान बनाएगी। IIT एलुमनी काउंसिल का मानना है कि आईजीआईबी के साथ मिलकर इस पहल के तहत हम स्वास्थ्य संबंधी डेटा के लिए उच्च सुरक्षा से लैस डेटा आर्किटेक्चर बना सकेंगे। काउंसिल द्वारा कहा गया कि यह साझेदारी IIT एलुमनी काउंसिल के दो प्रयासों में मदद करेगी, जिसमें परीक्षण के लिए मुंबई में स्थापित होने वाली विश्व की सबसे बड़ी मेगालैब और बायोलॉजिक्स आधारित उपचार के लिए भारत की सबसे बड़ी मेगा-टीएक्स एंटीबॉडी सुविधा शामिल है। शर्मा ने कहा कि “इस साझेदारी के बाद सरकार और आईआईटी एलुमनी काउंसिल जैसे घरेलू गैर-लाभकारी संगठनों के साथ सहयोग के नये आयाम भी उभर सकते हैं।”
CSIR-IGIB निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि इस करार की खास बात यह है कि IIT एलुमनी काउंसिल अपने चैरिटेबल कार्यों से बहुत सारे डेटा उत्पन्न कर रही है, जिसे वे हमारे माध्यम से सुरक्षित तरीके से सार्वजनिक करना चाहते हैं। (इंडिया साइंस वायर)