Thursday, 19 June, 2025

बसंत पंचमी पर धवल पीताम्बर सा सजा मां फलौदी दरबार

न्यूजवेव @ रामगंजमंडी

अखिल भारतीय मेडतवाल (वैश्य) समाज द्वारा रविवार को श्री फलौदी माता मंदिर, खैराबाद में बसंत पंचमी महोत्सव धार्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। कुलदेवी मां फलौदी का प्राकट्य दिवस होने से मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली व अन्य राज्यों से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने चरणवंदन कर हर वर्ग के लिये सुख-समृद्धि की कामना की।
मंदिर व्यवस्था प्रभारी मोहनलाल चौधरी ने बताया कि बसंत ऋतु के आगमन पर तीर्थनगरी खैराबाद में मां फलौदी की शोभायात्रा में पीले फूलों की वर्षा की गई। अधिकांश समाजबंधुओं ने धवल पीताम्बर वस्त्र व पगडी पहनकर पूजन किया। कई नवविवाहित जोडों ने भी कुलदेवी का आशीर्वाद लिया। भक्तों को वर्ष में केवल एक बार बसंत पंचमी पर ही गुप्त नवरात्र में चरण पूजा करने का अवसर मिलता है।


रविवार को शुभ मुहुर्त के अनुसार दोपहर 12ः15 बजे से मुख्य द्वार के सिंहासन पर विराजित मां फलौदी की स्वर्णकलश, चांदी के चंवर, छड़ी, हार माला के साथ महाआरती पूजन एवं कपूर आरती की गई। फलौदी माताजी महाराज की बडी आरती घनश्याम गुप्ता मोहनलाल गुप्ता रावतभाटा एवं कपूर आरती सेवा सुश्री प्राशी गुप्ता प्रदीप गुप्ता, बकानी द्वारा की गई। स्वर्ण चंवर सेवा गीताबाई मदनलाल गुप्ता,सोयत एवं अविरूप, अर्पित जमींदार, जीरापुर ने की। चांदी चंवर सेवा अनिल मेडतवाल, राजगढ, दिलीप गुप्ता ब्यावरा, डॉ केसी गुप्ता, जयपुर व ओमप्रकाश गुप्ता, पढाना के परिजनों ने की। चांदी छडी से रजनी गुप्ता, छापीहेडा, नानूराम गुप्ता, झालरापाटन ने एवं 10 समाजबंधुओं द्वारा पारंपरिक माला हार से सेवा की गई। बाहर से आये सैकडों श्रद्धालुओं ने लंबी कतारों मंे खडे होकर जयकारे लगाते हुये बारी-बारी से दर्शन किये।
तीर्थनगरी में निकाली भव्य शोभायात्रा


इससे पूर्व प्रातः 9 बजे मेला ग्राउंड से मंदिर तक मां फलौदी की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें बद्रीलाल भंवरलाल गुप्ता, जीरापुर ने स्वर्णकलश लिये। चांदी कलश लेकर राजंेद्र गुप्ता, दीपक गुप्ता व पंकज गुप्ता रामपुरा कोटा, सार्थक गुप्ता रटलाई, हरिमोहन, सौभाग्य गुप्ता, रामगंजमंडी, राधेश्याम गुप्ता, खिलचीपुर ने सेवायें दी। दिनेश गुप्ता, महेश गुप्ता कोटा एवं दीपक गुप्ता राजेंद्र गुप्ता, सुकेत ने चांदी चंवर से और पुरूषोत्तम गुप्ता, जयपुर, चंद्रप्रकाश घाटिया, पनवाड ने चांदी छडी से सेवा की। शोभा यात्रा में हरिशंकर गुप्ता, कोटा एवं गिरीराज सिंगी, ब्यावरा ने घुडसवारी की। शोभायात्रा में पीताम्बर परिधानो से सजे महिला व पुरूष श्रद्धालुओं ने माताजी के भजनों पर गुणगान किया। महापूजा के पश्चात् छप्पनभोग स्थल पर श्रीफलौदी सेवा सदन मंे महाप्रसादी वितरण देर शाम तक जारी रहा।
मां फलौदी का इकलौता अष्टकोणीय मंदिर
मंदिर पुजारी पं.अशोक द्विवेदी ने बताया कि यह इकलौता अष्टकोणीय देवी मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है। मां फलौदी में दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीनों देवियों की शक्तियां हैं। फलौदी माता के उंचे हस्त में दुर्गा का वास है। मां फलौदी को दुर्गा की द्धितीय ब्रह्मचारिणी का रूप माना गया है। दूसरा हस्त नीचे वरद मुद्रा में हैं, जो लक्ष्मी स्वरूप है। गदा-पदम लक्ष्मी के पास होते हैं, इसलिये अनन्त फल देने वाली फलौदी माताजी को गदा पदमधारी कहते हैं।

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