Wednesday, 24 April, 2024

मोबाइल, लैपटॉप व टीवी के रेडिएशन से इम्यूनिटी हुई कमजोर

नेशनल वेबिनार: घरों में 20 से 25 फीसदी रेडिएशन होने से लोगों में तनाव, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, याददाश्त में कमी जैसी समस्यायें, बचाव के लिये मोदीकेयर एन्वायरो चिप एवं ग्लोब उपयोगी
न्यूजवेव @ कोटा

‘कोरोना महामारी के दौरान हुये ब्रिटेन में हुये एक ताजा सर्वे के अनुसार, औसत व्यक्ति प्रतिदिन साढे़ 13 घंटे स्क्रीन देखता है। बच्चेे अपने जीवन में 34 साल केवल मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन के सामने ही गुजार देंगे। डिजिटल उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण घरों में 20 से 25 प्रतिशत इलेक्ट्रोमेग्नेटिक रेडिएशन (EMR) पैदा होता है, जिससे लोगों में सिरदर्द, स्ट्रेस , चिड़चिड़ापन या याददाश्त में कमी जैसी समस्यायें सामने आ रही हैं। इसी विकिरण के कारण हमारी इम्यूनिटी घटती जा रही है।’


यह बात रविवार को ‘ग्रीन टी विद आभाजीत’ की नेशनल वेबिनार में मुख्य वक्ता इन्वायरोनिक्स लि., गुरूग्राम के निदेशक श्री प्रणव पोद्धार ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से हम स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक हो गयेे हैं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान मोबाइल, स्मार्ट टीवी, एलसीडी, राउटर्स, लैपटॉप, कम्प्यूटर आदि स्क्रीन देखने का समय बहुत बढ़ गया है। जिससे रेडिएशन की किरणें सीधे शरीर को नुकसान पहुंचा रही हैं।
80 फीसदी में बढ़ रही है पल्स रेट

Mr Pranav Poddhar

हम घरों में ऑक्सीमीटर से खुद का ब्लड प्रेशर व पल्स रेट देखते हैं। सामान्य व्यक्ति में पल्स रेट 72 से 82 होनी चाहिये, जबकि मोबाइल व लैपटॉप का अधिक उपयोग करने वाले 80 प्रतिशत लोगों की पल्स रेट 82 से अधिक पायी गई है जो स्वास्थ्य के लिये नुकसानदेह है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर से 30 मीटर की परिधि के भीतर रेडिएशन किरणों के दुष्प्रभाव से कैंसर व ब्रेन ट्यूमर जैसे मामले सामने आये हैं। लंबे समय तक रेडिएशन के प्रभाव में रहने से इन्फर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है। इन्वायरोनिक्स लिमिटेड के संस्थापक श्री अजय पोद्धार आईआईटी, दिल्ली से बीटेक हैं एवं निदेशक श्री प्रणव पोद्धार ने यूएसए से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।
बचाव के लिये एन्वायरो चिप एवं ग्लोब
युवा उद्यमी श्री प्रणव पौद्वार ने कहा कि हम स्मार्ट फोन पर एन्वायरो चिप एवं घर या ऑफिस में एन्वायरो ग्लोब जैसे रेडिएशन प्यूरिफायर का प्रयोग कर विकिरणों से होने वाले दुष्प्रभाव को रोक सकते हैं। एन्वायरो चिप को एम्स, नईदिल्ली सहित केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी एवं एमआईटी ने वैज्ञानिक जांच के बाद उपयोगी माना है। इसे 13 देशों में निर्यात भी किया जाता है। 2007 से इन्वायरोनिक्स लि., गुरूग्राम में तैयार मोदीकेयर इन्वायरो चिप को देश के 2500 से अधिक संस्थानों एवं प्रोजेक्टस में रेडिएशन नियंत्रित रखने के लिये उपयोग किया जा रहा है।
स्मार्टफोन कान से 6 इंच दूर रखें


‘आत्मनिर्भर परिवार’ के संस्थापक निदेशक व मोदीकेयर इंडिया के मुख्य सलाहकार जितेंद्र जैन ने कहा कि इन दिनों बच्चे, युवावर्ग एवं महिलायें कई घंटों तक मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं। पहले मोबाइल का अधिक उपयोग करने से थर्मल इफेक्ट के कारण कान गर्म हो जाते थे। एक स्टडी में बताया गया कि मोबाइल की SAR वैल्यू 1.2 होनी चाहिये। इसके लिये लंबी बात करते समय स्मार्टफोन को कान से 6 इंच दूर रखना होगा। अन्यथा रेडिएशन की किरणें मस्तिष्क तक पहुंचकर सिरदर्द व चिडचिडापन पैदा करती हैं। मोबाइल पर एन्वायरो चिप लगाकर रेडिएशन से बचाव किया जा सकता है।

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