आशीर्वचन : मैं जो कुछ कर रहा हूं उसे भगवान की सेवा मानकर कर रहा हूं यही मेरा कर्तव्य है। जो ऐसी दृष्टि रखेगा, उसकी बुद्धि ही बदल जायेगी।
न्यूजवेव@कोटा
रमण रेती आश्रम के पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरू पूज्यश्री शरणानंद महाराज मंगलवार को पठानकोट से कोटा पधारे। राजीव गांधी नगर में शहर के सैकड़ों भक्तों ने चरण वंदन से उनका स्वागत करते हुये सादगी से गुरू पूजन किया।
तत्वज्ञानी गुरू संत श्री शरणानंद महाराज ने कहा कि गृहस्थ जीवन में जो जहां है, चाहे शिक्षक या विद्याथी, मंत्री या संतरी, अधिकारी या उसका कर्मचारी, सेठ या उसका ग्राहक सबके लिये एक ही नियम हो कि मैं जो कुछ भी कर रहा हूं उसे भगवान की सेवा मानकर कर रहा हूं यही मेरा कर्तव्य है। जो ऐसी दृष्टि रखेगा, उसकी बुद्धि ही बदल जायेगी। वह गलत कार्य नहीं करेगा। मन में भाव हो कि हमारा कोई काम दूसरे का अहित नहीं करे। यदि मन के विचारों पर नियंत्रण होगा तो वासनाओं से बचाव होगा। हमारा आचरण मलिन नहीं होगा। पूजा करते समय भी मन भटकता है, मन वहां जाता है जहां आत्मीयता की आसक्ति हो। इसलिये पूजा करते समय हमारा अभिष्ट भगवत प्राप्ति का हो।
संकीर्तन के साथ गुरू पूजन
इस अवसर पर गुरू पूजन में मेडतवाल वैश्य समाज के वरिष्ठ समाजसेवी श्री मदनलाल दलाल, रामेश्वर गुप्ता, निखिल गुप्ता, गायत्री परिवार गौशाला के कैलाश चंद्र दलाल व श्याम मनोहर घाटिया, सीए योगेंद्र गुप्ता, सीए अरूण मालपानी, सीए विशाल गुप्ता, कर सलाहकार दिनेश गुप्ता, पूर्व आरटीओ पूनमचंद गुप्ता, गुंजन गुप्ता,गोपाल गुप्ता, डॉ आर बी गुप्ता, नरेश गुप्ता, डोंगरगांव कार्ष्णि आश्रम से शांता राम गुप्ता, कैलाश चंद गुप्ता,बद्रीलाल गुप्ता एवं मोहनलाल गुप्ता सहित बडी संख्या में महिला-पुरूषों ने संकीर्तन के साथ चरण वंदन किया।
संतश्री ने शहरवासियों को निरोगी बने रहने एवं सुख-शांति पूर्ण जीवन के लिये आशीर्वचन दिये। बुधवार को डोंगरगांव आश्रम में विशाल गुरू पूजन कार्यक्रम होगा, वहां से इंदौर के लिये रवाना होंगे।