Friday, 19 April, 2024

कोटा का 129वां राष्ट्रीय दशहरा मेला अव्यवस्थाओं का शिकार

न्यूजवेव @ कोटा

कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि नगर निगम कोटा के वर्तमान कांग्रेस बोर्ड ने कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले-2022 की पहचान को धूमिल करने जैसी शुरूआत की है। उन्होंने संभागीय आयुक्त को पत्र लिखकर याद दिलाया कि देश में मैसूर व कोटा में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय दशहरा मेला देशभर में लोकप्रिय माने जाते हैं। लेकिन एक ओर मैसूर के राष्ट्रीय दशहरा मेले का उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति द्वारा किया गया है। उस मेले में 290 कार्यक्रम भी तय किये जा चुके है, जिससे मैसूर मेले को राष्ट्रीय मेला बनाया सके। दूसरी ओर, कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले में अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि प्रतिदिन कौन से कार्यक्रम होंगे, इनके आयोजक-प्रायोजक कौन होंगे। नगर निगम के दोनों बोर्ड के बीच तालमेल की कमी होने से निविदाओं में परस्पर खींचतान के चलते दशहर मेला का उद्घाटन महज औपचारिकता बन कर रह गया। इससे आम जनता को गहरी निराशा हुई।


गुंजल ने कहा कि नगर निगम के कांग्रेस बोर्ड में आपसी खींचतान के चलते प्रतिवर्ष कई बड़े कार्यक्रम प्रायोजित करने वाली संस्थाओं ने दूरी बना ली है। अन्य प्रदेशों स्र प्रतिवर्ष दशहरा मेला कोटा में आने वाले व्यापारियों का भी रुझान कम हो गया है। उन्होंने आशंका जताई कि स्वार्थवश राजनीतिक कारणों से कोटा शहर की सांस्कृतिक छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दशहरा मेले से पहले एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर शहर के प्रत्येक वर्ग, समाजसेवी व व्यापारिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों व कलाप्रेमियों से चर्चा कर मेले को नया स्वरूप देने का कोई प्रयास तक नहीं किया गया। दशहरा मेला कोटा 128 वर्षों से अपनी पहचान बनाए हुए है, हम अब 129वें मेले का आयोजन करने जा रहे हैं। इसमें पूरे शहर की जनता की सहभागिता होनी चाहिए। लेकिन नगर निगम के जनप्रतिनिधी सिर्फ मनचाहे लोगों को ठेके देने में रूचि ले रहे हैं, जिससे 129वें दशहरा मेले का ऐतिहासिक व परंपरागत स्वरूप भी खतरे में पड गया है।

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