न्यूजवेव @ कैंप, ओटावा (कनाडा)
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रमंडल देशों की संसदों के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 25वें सम्मेलन (CSPOC) की कार्यशाला में कहा कि इंटरनेट व सोशल नेटवर्किंग से आम जनता का संसदीय प्रणाली व कार्यवाही से सीधा जुडाव होने लगा है। उन्होने कहा कि भारत में ई-संसद और ई-विधान के डवलपमेंट से सांसदों की कार्यकुशलता और बढ़ गई है। एक जनप्रतिनिधि के रूप में वे दायित्वों का प्रभावी निर्वहन कर रहे हैं।
बिरला ने सचेत किया कि सोशल मीडिया की लोकप्रियता से साइबर स्पेस के दुरूपयोग का जोखिम भी बढ़ रहा है। हैकिंग जैसे साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा आंकड़ों की चोरी करने, पहचान की चोरी करने और दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर बनाने जैसे कार्य किये जाने लगे हैं। ऐसे में विश्वसनीय साइबर सुरक्षा विनियमन की आवश्यकता बढ़ गई है ।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत में बालकों के यौन उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए वर्तमान कानूनों में कई परिवर्तन किए जा रहे हैं ताकि ऐसे कृत्यों के अपराधियों को कड़ा दंड मिल सके। भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को दंडनीय बनाया गया है। उन्होने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाने के लिए आम सहमति बनाई जाये। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति, हरिवंश ने ‘लाइटनिंग ऑवर‘ में आयोजित चर्चा में भाग लिया जहाँ राष्ट्रमंडल देशों के अध्यक्षों ने संवादपरक सत्रों में विधानमंडलों की वित्तीय स्वायत्तता, संसदीय प्रक्रियाएं और पद्धतियां, आदि जैसे विषयों पर विचार रखे।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर वैश्विक प्रतिबंध लागू हो – लोकसभा अध्यक्ष
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