Thursday, 12 December, 2024

पूरे राजस्थान में बिजली के बिलों में फ्यूल चार्ज का विरोध

लघु उद्योग भारती की सभी इकाइयों ने जिला कलक्टर के माध्यम से सीएम व उर्जा मंत्री को ज्ञापन भेजे
न्यूजवेव@कोटा

लघु उद्योग भारती कोटा, कोटा उत्तर एवं रानपुर इकाईयों ने बिजली के बिलों में फ्यूल चार्ज की वसूली बंद करने के लिये मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिला कलक्टर ओपी बुनकर को सौंपा। मुख्यमंत्री व उर्जा मंत्री से मांग की गई कि डिस्कॉम द्वारा हाल में लघु एवं छोटे उद्योगों से बिजली के बिलों में फ्यूल चार्ज व स्पेशल फ्यूल सरचार्ज जैसी दोहरी वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाये। प्रदेश में लघु उद्योग भारती की 121 इकाइयों द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर फ्यूल चार्ज की वसूली को बंद करने की मांग की है।
कोटा ईकाई के अध्यक्ष सीए महेश गुप्ता ने बताया कि ज्ञापन में उद्योगों पर लागू बिजली दरों के तथ्यों से अवगत कराते हुये मांग की कि डिस्कॉम के आर्थिक घाटे व कुप्रबंधन का भार लघु उद्योगों व आम जनता पर नहीं थोपा जाये। ज्ञापन देने वालों में लघु उद्योग भारती के पूर्व अध्यक्ष विपिन सूद, मनोज राठी, पूर्व सचिंव अमित सिंहल, नितिन अग्रवाल, अध्यक्ष महेश गुप्ता, सचिव आशुतोष जैन, कोषाध्यक्ष संदीप जांगीड, रानपुर ईकाई के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, सचिव नभ शर्मा, कोटा उत्तर ईकाई के सारांश आदि मौजूद रहे।
नई इकाइयों पर यह भार गैरकानूनी
उन्होंने बताया कि प्रदेश में डिस्कॉम द्वारा वर्ष 2018 से 36 माह तक एवं वर्ष 2022 में अगले 60 माह तक लगातार 7 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज की वसूली की जा रही है। यह दोनो राशि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अडानी पावर एवं राज. विद्युत उत्पादन निगम के प्रकरण में अडानी समूह के पक्ष में दिये निर्णय के विरूद्ध है। डिस्कॉम का विवाद 2012 से 2018 के बीच का है, जबकि फ्यूल चार्ज की वसूली उन इकाइयों से की रही है जो 2017 के बाद चालू हुई हैं।
डिस्कॉम का घाटा आम जनता पर क्यों
उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि एक उद्योग यह प्रतिमाह 1 लाख यूनिट बिजली उपभोग करता है तो उससे दोनों मदों में कुल 18 लाख रू प्रतिमाह फ्यूल चार्ज की वसूली की जा रही है। अब उद्योगों पर 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज लगेगा, जिससे प्रतिमाह 63 हजार रू का भार और बढ जायेगा। विद्युत वितरण कंपनी लघु उद्योगों से भारी राशि की डिमांड मांगकर सरासर अन्याय कर रही है। जब आरईआरसी से बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की तो डिस्कॉम अपनी कमियांे का बोझ आम नागरिकों पर क्यों डाल रहा है। इस वृद्धि से कई छोटी इकाइयां बंद होने की स्थिति में आ जायेंगी, जिससे रोजगार के अवसर भी खत्म हो जायेंगे। यदि फ्यूल चार्ज की वसूली बंद नहीं की गई तो प्रदेश के सभी लघु उद्यमी धरना-प्रदर्शन कर न्यायालय की शरण में जायेंगे।

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